(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RBI Update: बैंकों का एनपीए 10 साल के निचले लेवल पर, आरबीआई ने फाइनैंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में कही ये बात
RBI Financial Stability Report: आरबीआई ने कहा कि ग्लोबल संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और घरेलू वित्तीय सिस्टम ठोस मैक्रोइकोनॉमिक नींव के चलते मजबूत बना हुआ है.
Bank NPA: बैंकों (Banks) के फंसे कर्ज यानि एनपीए (NPA) में भारी कमी आई है. कर्ज के अनुपात के लिहाज से मार्च 2023 के आखिर तक बैंकों का फंसा कर्ज 10 वर्ष के सबसे निचले लेवल 3.9 फीसदी पर जा पहुंचा है. आरबीआई (RBI) ने फाइनैंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट (Financial Stability Report) जारी किया है जिसमें ये बातें निकल सामने आई है.
आरबीआई ने अपने रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2018 के मुकाबले ग्रॉस और नेट एनपीए 11.5 फीसदी और 6.1 फीसदी से घटकर मार्च 2023 में 3.9 फीसदी और 1 फीसदी पर आ गया है. आरबीआई ने कहा कि कर्ज के जोखिमों को लेकर किए मैक्रो स्ट्रेस टेस्ट से पता लगा है कि शेड्यूल कमर्शियल बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी है और कठिन परिस्ठितियों में भी न्यूनत्तम पूंजी जरुरतों को पूरा करने में ये बैंक सक्षम साबित होंगे.
आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुछ देशों के बैंकिंग सिस्टम में आए क्राइसिस, वैश्विक राजनीतिक तनाव और ज्यादा महंगाई के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा है. आरबीआई ने कहा कि ग्लोबल संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और घरेलू वित्तीय सिस्टम ठोस मैक्रोइकोनॉमिक नींव के चलते मजबूत बना हुआ है.
आरबीआई ने कहा कि आर्थिक विकास में जारी तेजी, महंगाई में कमी, चालू खाते के घाटे में कमी और विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल, वित्तीय घाटे में कमी और मजबूत फाइनैंशियल सिस्टम के चलते अर्थव्यवस्था लगातार विकास कर रहा है. आरबीआई के मुताबिक बैंकों और कॉरपोरेट के स्वस्थ बैलेंसशीट के चलते एक नया क्रेडिट और इंवेस्टमेंट चक्र देखने को मिल रहा जो भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं को निखारने का कार्य कर रहा है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिपोर्ट में लिखा कि पिछले फाइनैंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद से ग्लोबल और भारतीय फाइनैंशियल सिस्टम्स की स्थिति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. उन्होंने लिखा कि मार्च 2023 के पहले अमेरिका यूरोप में बैंकिंग संकट का ग्लोबल फाइनैंशियल सिस्टम पर गहरा प्रभाव देखने को मिला है. जबकि भारत का फाइनैंशियल सेक्टर स्थिर और मजबूत नजर आया है जो बैंकों के क्रेडिट और घटते एनपीए से पता लगता है.
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