Loan Costly: इन दो सरकारी बैंक के ग्राहकों को झटका! बैंक ने बढ़ाया MCLR, लोन लेना हुआ महंगा
MCLR Increased: मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट के आधार पर यह तय होता है कि होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन आदि किसी प्रकार के लोन पर बैंक कितना ब्याज दर वसूल करेगा.
Bank of Baroda & IOB MCLR: देश के दो बड़े सरकारी बैंकों ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (Marginal Cost of Lending Rates) में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. यह बैंक हैं- इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda). इस कारण दोनों बैंक के ग्राहकों पर होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan), एजुकेशन लोन (Education Loan) का बोझ बढ़ने वाला.
दोनों ही बैंकों ने अपने MCLR रेट में 0.10% की बढ़ोतरी की है. नई दरें 10 सितंबर 2022 से लागू हो चुकी हैं. इंडियन ओवरसीज बैंक ने बताया कि यह बढ़ोतरी हर अवधि के लोन के लिए लागू होगी. आइए हम आपको बताते हैं कि बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक की MCLR ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद से नई दरें क्या हैं-
बैंक ऑफ बड़ौदा की नई MCLR रेट-
बैंक ऑफ बड़ौदा के MCLR दर में बढ़ोतरी के फैसले के बाद से ही बैंक की ओवरनाइट एमसीएलआर 7% से बढ़कर 7.50% हो गया है. वहीं3 महीने का एमसीएलआर रेट 7.40% से बढ़कर 7.50% हो गया है. वहीं 6 महीने के MCLR रेट 7.65% हो गया है. वहीं 1 साल के लोन की अवधि पर बैंक का MCLR 7.70% से बढ़कर 7.80% हो गया है.
इंडियन ओवरसीज बैंक की नई MCLR रेट-
इंडियन ओवरसीज बैंक की MCLR रेट में भी 10% की बढ़ोतरी की गई है. बैंक का एक दिन एमसीएलआर 7.05% से बढ़कर 7.15% हो गया है. वहीं 6 महीने का MCLR 7.60% से बढ़कर 7.70% हो गया है. वहीं एक साल के अवधि के लोन पर MCLR 7.65% के बजाय 7.75% ब्याज दर ऑफर किया जाएगा. वहीं 2 और 3 साल की अवधि का एमसीएलआर 7.70% से बढ़कर 7.80% हो गया है.
MCLR रेट में इजाफे से क्या पड़ेगा असर?
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR Rate) के आधार पर यह तय होता है कि होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन आदि किसी प्रकार के लोन पर बैंक कितना ब्याज दर वसूल करेगा. इसका सीधा असर ग्राहकों के मंथली EMI पर पड़ता हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले कुछ वक्त में कई बैंकों ने अपने MCLR और RLLR रेट्स में बढ़ोतरी की है क्योंकि पिछले तीन महीने में आरबीआई रेपो रेट (RBI Repo Rate) में 1.50% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ऐसे में बैंक लगातार अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं. इसके साथ ही बैंकों को डिपॉजिट रेट्स में भी बढ़ोतरी की जा रही है.
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