नई दिल्लीः सरकार ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का आपस में विलय किया जाएगा. इसके साथ देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा. यह निर्णय बैंकों को लोन देने की ताकत उबारने और आर्थिक विकास दर को गति देने के सरकार की कोशिशों का हिस्सा है.


वित्त मंत्र अरुण जेटली ने की घोषणा
उल्लेखनीय है कि पिछले साल भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी पांच सब्सिडियरी यूनिट्स का खुद में मर्जर किया था. साथ ही महिलाओं के लिये गठित भारतीय महिला बैंक को भी मिलाया था. योजना की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इससे बैंक और मजबूत होंगे और उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी. मर्जर के कारणों को बताते हुए उन्होंने कहा बैंकों की कर्ज देने की स्थिति कमजोर होने से कंपनियों के निवेश पर असर देखा जा रहा है.


वित्त मंत्री ने कहा कि कई बैंक नाजुक स्थिति में है और इसका कारण अत्यधिक कर्ज और फंसे कर्ज (एनपीए) में बढ़ोतरी है. उन्होंने कहा, ‘‘मर्जर के बाद अस्तित्व में आनी वाली यूनिट्स बैंक गतिविधियां बढ़ाएंगी.’’


सरकार की 21 बैंकों में मैजोरिटी हिस्सेदारी
एसबीआई की तरह विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. सरकार की 21 बैंकों में मैजोरिटी हिस्सेदारी है. इन बैंकों की एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बैंकिंग ऐसेट में दो तिहाई से ज्यादा हिस्सेदारी है. हालांकि इसके साथ इन सार्वजनिक बैंकों की फंसे कर्ज में भी बड़ी हिस्सेदारी है. इस डूबे कर्ज के कारण क्षेत्र प्रभावित है और वैश्विक बासेल-3 कैपिटल नियमों के अनुपालन के लिये अगले दो साल में करोड़ों रुपये चाहिए.


मर्जर से बनेगा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीनों बैंकों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर विलय प्रस्ताव पर विचार करेंगे. ‘इस मर्जर से ऑपरेशनल दक्षता और ग्राहकों को मिलने वाली सेवा बेहतर होगी. उन्होंने कहा कि विलय के बाद अस्तितव में आने वाला बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा पैमाने की मितव्ययिता के साथ मजबूत प्रतिस्पर्धी होगा.


विलय के बाद स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे तीनों बैंक
कुमार ने कहा कि देना बैंक, विजया बैंक और बैंक आफ बड़ौदा के लिए पूंजी समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा. कुमार ने कहा कि नेटवर्क, कम-लागत जमा और सब्सिडी यूनिट्स के मामले में बेहतर तालमेल होगा. उन्होंने कहा कि कर्मचारियो के हितों और ब्रांड इक्विटी का संरक्षण किया जाएगा. तीनों बैंक विलय के बाद स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे.


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