Bank of England Rate Hike: बैंक ऑफ इंग्लैंड ने एक बार फिर कर्ज महंगा कर दिया है. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्याज दरों में एक चौथाई फीसदी या 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर 4.5 फीसदी कर दिया है जो ब्रिटेन में 2008 के बाद ब्याज दरों का ये उच्चतम स्तर है.
ये लगातार 12वां मौका है जब महंगाई दर में उछाल के बाद बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला किया है. बैंक के नौ सदस्यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ये निर्णय लिया है. यूके के लिए महंगाई में भारी उछाल बड़ी चुनौती बनी हुई है.
हालांकि राहत की बात ये है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड अब मंदी के आने की बात नहीं कर रही है. फरवरी में उसने अर्थव्यवस्था के ग्रोथ रेट में बढ़ोतरी का अनुमान जताया था. 1997 के बाद विकास दर के अनुमान में सबसे बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है. सेंट्रल बैंक का मानना है कि फूड आइटम्स की उच्च कीमत के चलते महंगाई दर में गिरावट उसकी उम्मीदों से धीमे रफ्तार से कम होगी. इससे पहले कई अर्थशास्त्रियों का मानना था कि बैंक ऑफ इंग्लैंड अब ब्याज दरों में और बढ़ोतरी नहीं करेगा लेकिन उनका अनुमान गलत साबित हुआ है.
बैंक ऑफ इंग्लैंड को उम्मीद है कि महंगाई दर इस वर्ष के अंत तक 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है. बैंक ऑफ इंग्लैंड का मानना है कि 2025 तक ही 2 फीसदी के लक्ष्य तक आ सकता है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ये फैसला तब आया है जब ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की सत्ताधारी दल को स्थानीय चुनाव में झटका लगा है. रहन-सहन के खर्चों में बढ़ोतरी और बिजली के बिलों पर आंशिक रूप से सब्सिडी देने के सरकारी प्रयासों को लेकर वोटरों में निराशा देखी गई थी.
पिछले हफ्ते ही अमेरिका के फेडरल रिजर्व और यूरोपीय सेंट्रल बैंक दोनों ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. हालांकि फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने संकेत दिए हैं कि यहां से ब्याज दरें नहीं बढ़ेगी.
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