Bank Privatisation: बैंक प्राइवेटाइजेशन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. केंद्र सरकार बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है.
IDBI Bank में बेचेगी हिस्सेदारी
आपको बता दें केंद्र सरकार IDBI बैंक में हिस्सेदारी बेच सकती है. आपको बता दें केंद्र सरकार और एलआईसी दोनों ही को जोड़ दें तो दोनों के पास आईडीबीआई बैंक की 94 फीसदी हिस्सेदारी है. और कितनी हिस्सेदारी बेची जाए इसे लेकर मंथन का दौर चल रहा है. हालांकि मंत्रियों का समूह इस डील को लेकर अंतिम फैसला लेगा. माना जा रहा है कि सितंबर के आखिर तक सरकार आईडीबीआई बैंक के खरीदार को लेकर फैसला ले सकती है.
कितनी है सरकार और LIC की हिस्सेदारी?
IDBI Bank में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है. वहीं, एलआईसी की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है. माना जा रहा है कि आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी सरकार और कुछ हिस्सेदारी एलआईसी बेचेगी साथ में खरीदार को मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा. आरबीआई 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे सकता है.
आईडीबीआई के शेयर में उछाल
आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचे जाने की खबरों के बाद सेयर में तेजी देखी जा रही है. आईडीबीआई बैंक का शेयर 2.56 फीसदी के उछाल के साथ 40 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. हालांकि दिन के ट्रेड में शेयर मे 41 रुपये के भाव को भी छूआ था.
इससे पहले आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा है कि बैकिंग सेक्टर के रेग्युलेटर होने के बैंकों के मालिकाना हक को लेकर आरबीआई की भूमिका तटस्थ है. उन्होंने कहा कि ये बैंकों के मालिकाना हक रखने वालों पर निर्भर करता है कि वे कितना शेयरहोल्डिंग अपना पास रखना चाहते हैं. कितना दूसरों को देना चाहते हैं या फिर पब्लिक को देना चाहते हैं. लेकिन आरबीआई की भूमिका बैंकों के मालिकाना हक को लेकर तटस्थ (Ownership Nuetral) है. दरअसल पिछले हफ्ते सरकार के सरकारी बैंकों के निजीकरण करने के फैसले पर आरबीआई के बुलेटिन में एक लेख छपा था जिसमें निजीकरण पर सवाल खड़ा किया था.
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