Banking Fraud On Rise: कोरोना महामारी ( Covid 19 Pandemic)  के इस दौर और नए डिजिटल ऑपरेशन ( Digital Operations) के चलते बैंकिंग और फाइनैंशियल संस्थाओं को लगातार बढ़ते फ्रॉड ( Fraud) से सामना करना पड़ रहा है. और फ्रॉड आने वाले दिनों में और बढ़ेंगे ये एक सर्वे से पता लगा है. Deloitte India ने ये सर्वे किया है. सर्वे में पता लगा है कि दो सालों से बड़े पैमाने पर रिमोट वर्किंग मॉडल्स के चलते ये फ्रॉड बढ़ा है. वहीं उपभोक्ता नॉन-ब्रांच बैंकिंग सेवा का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं इसके चलते भी बैंकिंग फ्रॉड बढ़ा है.  



Deloitte India के बैकिंग फ्रॉड सर्वे के मुताबिक कोरोना महामारी और नए डिजिटल ऑपरेशन के चलते बैंकिंग फाइनैंशियल कंपनियों को लगातार बढ़ते फ्रॉड का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे में भाग लेने वाले 78 फीसदी लोगों ने माना कि अगले दो सालों में बैंकिंग फ्रॉड में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. सर्वे के मुताबिक बैंकिंग फ्रॉड को बढ़ाने में रिटेल बैकिंग का सबसे बड़ा योगदान रहा है. सर्वे में भाग लेने वाले 53 फीसदी लोगों ने माना उन्होंने दो सालों में 100 से ज्यादा फ्रॉड घटनाओं का सामना किया है जो कि पिछले सर्वे से 29 फीसदी ज्यादा है. नॉन रिटेल सेगमेंट में भी बैंकिंग फ्रॉड बढ़ा है जिसमें औसतन 20 फ्रॉड देखा गया है दो पिछले सर्वे से 22 फीसदी अधिक है. 



डाटा की चोरी, साइबर क्राइम, थर्ड पार्टी फ्रॉड, घूसखोरी और भ्रष्टाचार और इसेक अलावा फर्जी डॉक्यूमेंट ऐसे पांच बातों की पहचान की गई है जिसके लोग सबसे ज्यादा भुक्तभोगी रहे हैं. Deloitte India के फाइनैंशियल एडवाइजरी पार्टनर के वी कार्थिक ने रिपोर्ट के लॉन्च करने पर कहा है कि कोरोना महामारी के चलते सभी संस्थाएं एक अलग वातावरण में काम कर रहे हैं. सभी प्रकार के फ्रॉड पर नजर डालें तो लोन फ्रॉड 24 फीसदी, मोबाइल इंटरनेट बैंकिंग फ्रॉड 14 फीसदी, डाटा की चोरी 13 फीसदी, फिशिंग 9 फीसदी ऐसे चार प्रकार के फ्रॉड हैं जिसने बैंकों की परेशानी बढ़ा रखी है.  


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