Education Loan: छात्रों को पढ़ाई के लिए बैंकों द्वारा दिए जाने वाले एजुकेशन लोन में कमी आई है. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक बीते सालों में एजुकेशन लोन दिए जाने में 6 फीसदी की कमी आई है. जनवरी 2022 में एजुकेशन लोन घटकर 63,000 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. 


बैंकों का एजुकेशन लोन पोर्टफोलियो 2020 से 2021 के बीच 3.7 फीसदी घटा है और 2021 से 2022 के बीच 2.4 फीसदी की कमी आई है. जनवरी 2020 में बैंकों ने 67,000 करोड़ रुपये का एजुकेशन लोन छात्रों को दिया था. 


बैंकिंग सेक्टर के जानकारों के मुताबिक छात्रों को कर्ज देने में कमी आने की कई वजहें हैं जिसमें जॉब लॉस, वेतन में कटौती, कोरोना के चलते मृत्यु जैसे कई कारण हैं. बैंकों को इसके चलते लोन चुकता करने को लेकर संदेह पैदा हो रहा है इसलिए बैंक एजुकेशन लोन देने में सतर्कता बरत रहे हैं. कोरोना ने एजुकेशन सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित किया है. कोरोना के चलते नौकरियों के अवसर घटे हैं. ऐसे में नौकरी नहीं मिलने पर एजुकेशन लोन डिफ़ॉल्ट हो सकता है. वैश्विक हालात को लेकर लेकर भी बैंक चिंतित हैं. यूक्रेन से छात्रों के वापस आने से बैंकों को लोन डिफॉल्ट होने की चिंता सता रही है. एजुकेशन लोन के सेगमेंट में एनपीए बढ़ने का खतरा है.  


आरबीआई के डाटा के मुताबिक इसी दौरान पर्सनल लोन सेगमेंट में जनवरी 2022 तक 11.6 फीसदी की बढ़ोतरी आई है जबकि इसके पिछले वर्ष इसी अवधि में ये 8.7 फीसदी के दर से बढ़ा था. 


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