Banks Cash Shortage: लोन बांटने के लिए बैंकों को करना पड़ रहा कैश की कमी का सामना! जानें क्यों पैदा हुआ ये संकट
Banks Liquidity Crisis: 15 दिसंबर तक एडवांस टैक्स जमा कराने के चलते बैंकों से 1.4 लाख करोड़ रुपये की नगदी निकल गई है.
Banks Liquidity Crisis: घरेलू बैंकों पर नगदी की कमी का संकट गहरा गया है. ऐसे में कर्ज बांटने के लिए बैंकों के पास कैश की कमी हो सकती है. होमलोन हो या कार लोन या एजुकेशन लोन या कृषि लोन या कॉरपोरेट लोन जैसे सभी लोन देने में बैंकों का के हाथ बंध गए हैं. कंपनियों के एडवांस टैक्स पेमेंट और रुपये में गिरावट को थामने के लिए बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक के डॉलर बेचने के चलते बैंकों को नगदी संकट का सामना करना पड़ रहा है.
6 महीने में सबसे बड़ा नगदी संकट!
ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स इंडेक्स के मुताबिक देश के बैंकिंग सिस्टम में छह महीने में सबसे बड़ी कैश की कमी देखने को मिली है. आरबीआई से बैंकों ने जो उधार लिया है उसे आधार पर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि सोमवार तक बैंकों में 1.5 लाख करोड़ रुपए नगदी की कमी आ गई है. भारतीय रिजर्व बैंक अक्टूबर 2024 के बाद से लगातार डॉलर बेच रहा है जिसके चलते नगदी संकट बढ़ता चला गया है.
रुपये में कमजोरी और ट्रेड घाटे से बढ़ा संकट
बैंकों के पास नगदी का संकट और बढ़ने का खतरा है. एक डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार 17 दिसंबर 2024 को 84.93 रुपये के रिकॉर्ड लेवल तक गिर गया. रुपया 85 के नीचे गिरने की तैयारी कर रहा है. साथ ही व्यापार घाटे के बढ़ने और मजबूत डॉलर ने भी परेशानी बढ़ा दी है. ऐसे में आरबीआई रुपये को थामने के लिए और भी डॉलर बेच सकता है जिससे बैंकिंग सिस्टम में कैश की कमी आ सकती है. हालाांकि 6 दिसंबर को आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी और इसे 4.50 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया गया जिससे बैंकिंग सिस्टम में नगदी बढ़ाया जा सके. बैंक ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए ज्यादा से ज्यादा कर्ज बांट सकेंगे. आरबीआई के इस फैसले से बैंकिंग सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये की नगदी बढ़ाने में मदद मिलेगी लेकिन आरबीआई का ये फैसला अब नाकाफी साबित होता नजर आ रहा है.
एडवांस टैक्स में चले गए 1.4 लाख करोड़
15 दिसंबर 2024 मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए एडवांस टैक्स जमा कराने की आखिरी तारीख थी. कंपनियों के एडवांस टैक्स जमा कराने के चलते बैंकिंग सिस्टम से 1.4 लाख करोड़ रुपये चला गया है जो कि नगदी संकट की बड़ी वजह है. ऐसे में लोन देने को लेकर बैंकों के हाथ बंध सकते हैं.
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