Bond Yields Today: बॉन्ड यील्ड्स के बढ़ने से देश की सभी बैंकों को भारी नुकसान हुआ है. अप्रैल-मई-जून (तिमाही) में बैंको को अपने निवेश पर मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से 13,000 करोड़ रु का चपट लगने की आशंका है. यह जानकारी घरेलू रेटिंग एजेंसी (ICRA  इक्रा) ने दी है.


बैंकों के कर्ज में 11% वृद्धि की उम्मीद
इक्रा ने मंगलवार को जानकारी दी है कि 30 जून, 2022 को समाप्त तिमाही में लाभ सामान्य रहा, लेकिन कर्ज में वृद्धि दर्ज की गई है. इक्रा की माने तो परिचालन लाभ से बैंकों का मुनाफा 2022-23 में लगातार बने रहने की अनुमान है. वर्ष 2022-23 में बैंकों के कर्ज में 10.1 से 11% वृद्धि की उम्मीद है. 


ऐसे समझे घाटा
रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो में गवर्नमेंट सिक्योरिटीज ज्यादा हैं. आपको बता दे कि इसमें  खासकर लंबी अवधि की सिक्योरिटीज ज्यादा हैं. बॉन्ड यील्ड बढ़ने से लाभ में चुनौतियां बढ़ गई हैं. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में सार्वजनिक (Public) क्षेत्र के बैंकों को बॉन्ड पोर्टफोलियो पर 8,000 से 10,000 करोड़ का नुकसान हो सकता है. वही निजी (Private) क्षेत्र के बैंकों को 2,400 से 3,000 करोड़ की चपत लग सकती है. 


ऐसे पड़ेगा असर
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता का कहना है कि, नुकसान के बावजूद 2022-23 में परिचालन लाभ 11-12% बढ़ने की संभावना को देखते हुए हमारा अनुमान है कि बैंकों का मुनाफा बना रहेगा. मुख्य परिचालन लाभ बढ़ने से ‘मार्क टू मार्केट’ नुकसान का असर कम होगा. अगर यील्ड आने वाले समय में और बढ़ा बढ़ता है तो 2022-23 में लाभ पर कुछ असर पड़ सकता है.


कर्ज की मांग पर असर
बैंकों के लिए कर्ज वृद्धि 2022-23 की पहली तिमाही में सकारात्मक बनी हुई है. यह वृद्धि सभी तरह के कर्ज पर होगी. इक्रा ने कहा कि ब्याज दर बढ़ने से आने वाले समय में कर्ज की मांग पर असर पड़ने की उम्मीद है.



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