PSU Banks NPA: पब्लिक सेक्टर के 10 बैंकों ने अपना 11,617 करोड़ रुपये का फंसा हुआ कर्ज नेशनल एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) को ट्रांसफर कर दिया है. इस लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित किया जा चुका था. यह एनपीए जनवरी से नवंबर के बीच एनएआरसीएल को दिया गया. एनएआरसीएल को फंसे हुए कर्जों को निकालने के लिए गठित किया गया था इसे बैड बैंक के नाम से भी जाना जाता है
16.64 करोड़ रुपये रिकवर कर चुका है एनएआरसीएल
वित्त राज्यमंत्री भगवत कराड ने राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि बैड बैंक इन कर्जों के पुनर्गठन के लिए प्रयासरत है 30 नवंबर तक एनएआरसीएल 16.64 करोड़ रुपये रिकवर कर चुका है उन्होंने बताया कि रिकवरी एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है ऐसे अकाउंट में रिकवरी की प्रक्रिया के लिए पांच साल तक का वक्त दिया जाता है इसमें सरकार की गारंटी भी शामिल होती है
कई कॉरपोरेट से चल रही है वार्ता
इसके अलावा एनएआरसीएल की कई कॉरपोरेट से इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के दायरे में वार्ता भी चल रही है कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से रेजोलूशन प्लान स्वीकार होने के बाद ही रिकवरी प्लान मंजूर हो पाता है इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लग जाता है.
क्या है बैड बैंक
वित्त मंत्रालय ने जुलाई, 2021 में एनएआरसीएल की स्थापना की थी. इसका गठन कंपनीज एक्ट के अंतर्गत किया गया था. यह बैंकों के बैड लोन (NPA) और बैलेंस शीट को क्लीन करने में मदद करता है. इसकी मदद से बैंक अपने एनपीए का भार कम कर सकते हैं. इस बैड बैंक में पब्लिक सेक्टर बैंकों की हिस्सेदारी 51 फीसदी है.
किन-किन बैंकों ने बैड लोन ट्रांसफर किया
एनएआरसीएल को बैड लोन ट्रांसफर करने वालों में सबसे आगे एसबीआई रहा है उसने 4508 करोड़ रुपये का एनपीए ट्रांसफर किया इसके बाद पीएनबी ने 2138 करोड़ और केनरा बैंक ने 1858 करोड़ रुपये का एनपीए एनएआरसीएल को दिया इस अवधि के दौरान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 1831 करोड़ रुपये का फंसा हुआ कर्ज एनएआरसीएल को सौंप दिया इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक, इंडियन बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी अपना एनपीए उसे दिया है वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इन 10 बैंकों का एनपीए 30 सितंबर, 2023 तक 3.65 लाख करोड़ रुपये हो चुका था
एसआरईआई की दो कंपनियों का किया अधिग्रहण
एनएआरसीएल ने इसी शुक्रवार को घोषणा की थी कि उन्होंने दो एसआरईआई कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया है. इनमें एसआरईआई इक्विपमेंट और एसआरईआई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस नाम की दो कंपनियां शामिल हैं. इससे 32,700 करोड़ रुपये का एनपीए वापस आ सकता है. इसके लिए एनसीएलटी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से मंजूरी ली गई थी.
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