Bad Loan: फंसे हुए कर्ज को निकालने के लिए देश भर के बैंक चिंतित हैa. सभी बैंकों का एनपीए बढ़ता जा रहा है. इसकी वसूली के लिए वह सभी प्रयास करने में जुटे हुए हैं. वकील इस कर्ज वसूली की बहुत अहम कड़ी हैं. अब बैंकों ने एनपीए की वसूली के लिए वकीलों पर ही ध्यान देने की योजना बनाई है. वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि बैंक कर्ज वसूली ट्रिब्यूनल्स (DRT) में लिस्टेड वकीलों के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी. उन्हें सौंपे गए मामलों में उनके प्रदर्शन के हिसाब से उनका परफॉर्मेंस तय किया जाएगा. 


पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बैंकों के अधिकारी हुए शामिल


वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी (Vivek Joshi) की अध्यक्षता में डेट रिकवरी अपील ट्रिब्यूनल (DRAT) के चेयरपर्सन और डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) के अधिकारियों ने शनिवार को चर्चा की. बैठक में पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. इनमें सीईओ, इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA), वित्त मंत्रालय और भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड (IBBI) के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे. इस कांफ्रेंस में इस बात पर भी चर्चा हुई कि डीआरटी और डीआरएटी सख्त निगरानी के माध्यम से विभिन्न चरणों में लंबित मामलों को कम करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे.


वसूली के लिए कई कानूनों में होंगे बदलाव 


इस कांफ्रेंस में वसूली की प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने के लिए कर्ज वसूली ट्रिब्यूनल रेगुलेशंस, सरफेसी एक्ट (SARFAESI Act) और आरडीबी एक्ट (RDB Act) में परिवर्तन और संशोधन के संबंध में कई सुझावों पर चर्चा की गई. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैंक लिस्टेड वकीलों के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा करेंगे. लिस्टेड वकीलों के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाएगा.


निपटाए जा चुके मामलों का समाधान होगा 


बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि बैंक और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट डीआरटी और डीआरएटी में लंबित मामलों का समाधान निकालेंगे. इसमें उन केसों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनका निपटारा पहले ही हो चुका है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस बात पर भी चर्चा की गई कि बैंक न्यायिक मंचों के समक्ष अपने संबंधित मामलों की सभी सुनवाई में अपने अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे.


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