SBI-LIC Debt on Adani Group: अडानी समूह में जारी उठापठक की चर्चा इस समय देश से लेकर विदेश तक चल रही है. 24 जनवरी से अडानी समूह के शेयरों में जो गिरावट आनी शुरू हुई वो अब तक जारी है. आज भी अडानी एंटरप्राइजेज में 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही है. अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ (फॉलोऑन पब्लिक ऑफर) तक गौतम अडानी ने वापस ले लिया है और आज ही खबर आई है कि अडानी समूह अपने पूंजी विस्तार (कैपिटल एक्सपेंशन) के प्लान को थोड़ा धीमा कर सकता है. 


अडानी समूह के शेयरों में गिरावट देश के बैंकों के लिए चिंता का सबब क्यों बन सकती है


जाहिर तौर पर ये सारी खबरें आम निवेशकों से लेकर देश के बड़े बैंकों, फाइनेंशियल संस्थानों, एलआईसी जैसी दिग्गज कंपनियों के लिए चिंता का सबब बन रही हैं. दरअसल देश के कई बैंकों का अडानी समूह पर 80,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. विपक्ष का भी यही आरोप है कि सरकार की शह पर देश के सरकारी बैंकों, निजी बैंकों और एलआईसी जैसी संस्थानों ने अडानी समूह को जमकर लोन दिए हैं और अब इस ग्रुप की गिरती नेटवर्थ से निवेशकों के साथ देश की अहम वित्तीय संस्थानों की पूंजी भी घट रही है. 


क्यों उठ रहे हैं सवाल


हालांकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा अपने-अपने आंकड़ें जारी कर चुके हैं और एसबीआई ने तो यहां तक भी कहा कि उनका दिया गया कर्ज खतरे में नहीं है. अडानी समूह के पास जितना कर्ज है, उसमें से एसबीआई का जो कर्ज है वो, एसबीआई की कुल लोन बुक का केवल 0.8 फीसदी से 0.9 फीसदी लोन है. ऐसे में आपके मन में ये सवाल आ सकता है कि आखिर अडानी ग्रुप के ऊपर कितना कर्ज है तो यहां आपको इसका जवाब मिल सकता है.


स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का अडानी समूह पर कितना है कर्ज


अडानी समूह को दिए कर्ज पर देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि अडानी समूह में एसबीआई का एक्सपोजर 27,000 करोड़ रुपये है जो उसके कुल लोन बुक का केवल 0.8 से 0.9 फीसदी है. दिनेश खारा ने कहा कि, हमने अडानी समूह के मूर्त परिसंपत्तियों (Tangible Assets) के लिए कर्ज दिया है और उनके पास पर्याप्त कैश कलेक्शन है. अडानी समूह बैंक के कर्ज का बकाये का भुगतान करने में सक्षम हैं. 


PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा का कितना लोन है अडानी समूह पर


अडानी समूह के ऊपर बैंक ऑफ बड़ौदा का 5500 करोड़ रुपये का कर्ज है और पंजाब नेशनल बैंक का 7000 करोड़ रुपये का कर्ज है. 


हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में क्या कहा गया है


हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि अडानी ग्रुप की कई कंपनियों कैश फ्लो नहीं उत्पन्न कर रही हैं और इनके गिरवी रखे शेयरों की वैल्यू भी घट रही है. ऐसे में अडानी समूह की 10 लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू गिरने से  गिरवी रखी सिक्योरिटीज की वैल्यू भी घट रही है.


LIC का बड़ा एक्सपोजर


LIC का कहना है कि उसका अडानी समूह पर 36,474.78 करोड़ रुपये का लोन है और ये डेट और इक्विटी के रूप में है. हाल ही में आए अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में 9,15,748 शेयरों को खरीदने के लिए एलआईसी ने 300 करोड़ रुपये का खर्च किया और कंपनी के पास पहले ही अडानी एंटरप्राइजेज का 4.23 फीसदी हिस्सा है. एलआईसी का अडानी समूह की अन्य कंपनियों में भी हिस्सा है जिसके तहत अडानी पोर्ट्स में 9.14 फीसदी और अडानी टोटल गैस में 5.96 फीसदी का हिस्सा है. साफ तौर पर अडानी समूह की कंपनियों में गिरावट से एलआईसी के निवेश की वैल्यू भी घट रही है जो चिंता का कारण हो सकता है.


Axis Bank का कितना है अडानी समूह में एक्सपोजर


एक्सिस बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी देते हुए कहा कि हम किसी भी कंपनी को सिक्योरिटी, देनदारी और लोन चुकाने की क्षमता के आधार पर ही लोन की रकम देते हैं. बैंक ने बताया कि अडानी समूह को दिया गया फंड आधारित लोन 0.29 फीसदी है, जबकि नॉन फंड आधारित लोन 0.58 फीसदी है. 31 दिसंबर 2022 के आंकड़ों के अनुसार बैंक ने 0.07 फीसदी का निवेश किया है. एक्सिस बैंक ने बताया कि उसके पास 31 दिसंबर 2022 तक 1.53 फीसदी के स्टैंडर्ड एसेट कवरेज के साथ एक मजबूत बैलेंस शीट है. 


चिंता न करने की बात क्यों कही जा रही है- जानिए क्या है कारण


चिंता ना करने की बात इसलिए कही जा रही है कि सरकारी-निजी बैंकों के अलावा एलआईसी जैसे वित्तीय संस्थानों का जो कर्ज है वो भारतीय रिजर्व बैंक के लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क की लिमिट के नीचे ही है. इसके अलावा ये कैश जैनरेटिंग ऐसेट्स के जरिए सिक्योर भी हैं.


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