कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को लंबा खिंचता देख रेटिंग एजेंसियों और ब्रोकरेज फर्मों ने भारत के जीडीपी ग्रोथ को अनुमान को घटाना शुरू कर दिया था. अब ताजा कटौती ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने की है. बार्कलेज ने मौजूदा वित्त वर्ष ( 2021-22) में भारत के ग्रोथ रेट अनुमान में 0.80 फीसदी की कटौती की है. इसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारतीय जीडीपी 9.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी. 


महीने भर में दूसरी बार कटौती 


ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म ने भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में यह कटौती कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते किया है. बार्कलेज का कहना है कि दूसरी लहर अनुमान से अधिक खतरनाक निकली. बार्कलेज ने इस महीने में दूसरी बार GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया है. इससे पहले बार्कलेज ने इसे 3 मई को 11 फीसदी से घटाकर 10 किया था.


तीसरी लहर आई तो 7.7 फीसदी रह सकती है विकास दर


बार्कलेज के चीफ  इकोनॉमिस्ट (भारत) राहुल बजोरिया के मुताबिक वैक्सीनेशन की धीमी गति और देश के कई हिस्सों में लगाए गए लॉकडाउन के चलते भी इकोनॉमी पर नकारात्मक असर पड़ेगा. देश में तीसरी लहर को लेकर भी आशंका जताई जा रही है. इसे लेकर बार्कलेज का अनुमान है कि अगर तीसरी लहर आती है और इसके चलते आठ हफ्ते का भी लॉकडाउन लगाया गया तो जीडीपी ग्रोथ महज 7.7 फीसदी रह सकती है.


एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में भी ग्रोथ अनुमान घटा दिया गया है. इसमें कहा गया है कि मार्च तिमाही में ग्रोथ 1.3 फीसदी रह सकती है. वहीं पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में करीब 7.3 फीसदी की गिरावट की आशंका है. एनएसओ मार्च तिमाही और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी का आरंभिक अनुमान 31 मई को जारी करेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.3 फीसदी की वृद्धि दर के अनुमान के आधार पर भारत 25 देशों में पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा. इन 25 देशों ने ही अपने जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं. 


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