नई दिल्लीः पूरे देश को एक बाजार बनाने वाली कर व्यवस्था वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के तहत किसी भी सामान पर टैक्स की दर नहीं बढ़ेगी, सरकार का दावा है कि जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई बढ़ने के बजाए घट सकती है, अब शुक्रवार को सोने और सेवाओं पर जीएसटी की दरें तय होंगी, सरकार ने पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है.


श्रीनगर में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में 1200 से भी ज्यादा सामान पर नयी टैक्स व्यवस्था की दरों पर सहमति बन गयी, जेटली ने कहा कि जरुरी सामान पर जीएसटी की दर वासत्व में कम हो जाएगी, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया कि जो आज टैक्स लगता है उसमें किसी भी कमॉडिटी पर टैक्स बढ़ा नहीं है, बल्कि कई पर घटा है, उनका ये भी कहना है कि टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी.


बैठक में तय हुआ कि




  • 81 फीसदी सामान पर टैक्स की दर 18 फीसदी या उससे कम होगी.

  • बाकी 19 फीसदी पर जीएसटी की दर 28 फीसदी की दर से टैक्स लेगी.

  • बालों में लगाने वाला तेल, टूथपेस्ट, साबुन – 28 फीसदी की जगह 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा.

  • गुड़ पर टैक्स में छूट दी गयी है.

  • अनाज पर टैक्स में छूट दी गयी है.

  • मिठाई पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा, ये पहले से कम है.

  • कोयले पर 11.69 फीसदी की जगह 5 फीसदी की जीएसटी दर तय की गयी है, इससे बिजली की दर कम हो सकती है.

  • चीनी, चाय की पत्ती, कॉफी, खाने के तेल पर 5 फीसदी जीएसटी का प्रस्ताव है.

  • दूध पर जीएसटी नहीं लगेगा.

  • छोटी पेट्रोल कार - 28 फीसदी जीएसटी+1 फीसदी की दर से सेस यानी कुल 29 फीसदी, अभी 30-31 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.

  • छोटी डीजल कारों पर 28 फीसदी जीएसटी +3 फीसदी की दर से सेस यानी कुल 32 फीसदी, ये मौजूदा दर के बराबर है.
    लग्जरी कर - 28 फीसदी की दर से जीएसटी+15 फीसदी की दर से सेस यानी 43 फीसदी, ये मौजूदा दर के बराबर है.
    कंज्यूमर ड्युरेबल्स - 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा, अभी 30-32 फीसदी है.


जानकारों का कहना है कि मलयेशिया, कनाडा या दुनिया के जिन देशों में जीएसटी लागू हुआ है, वहां पर महंगाई बढ़ी है, लेकिन भारत अपवाद हो सकता है, क्योकि सरकार दावा कर रही है कि जीएसटी लागू होने के बाद कीमतें घटेंगी और लोगों के जेब को फायदा होगा.

जीएसटी काउंसिल की अब तक 15 बैठक हो चुकी है जिसमें से 13 दिल्ली में हुई हैं, 15 वीं बैठक श्रीनगर में आयोजित करने के पीछे सरकार का एक मकसद ये संदेश भी देना था कि यहां हालात आम धारणा के उलट बेहतर है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यहां जो लोग आएं है जिस तरह से आनंद उठा रहे हैं, उससे साफ है कि यहां हालात मीडिया में दिखायी जा रही छवि से कहीं बेहतर है.