IPO Update: आईपीओ खुलने से पहले एयरोफ्लेक्स इंडस्ट्रीज ने एंकर निवेशकों के जरिए जुटाए 103 करोड़ से ज्यादा, जानें डिटेल्स
Aeroflex Industries IPO: आज एयरोफ्लेक्स इंडस्ट्रीज का आईपीओ खुलने वाला है. इससे पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों से कुल 103.68 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं.
Aeroflex Industries IPO: एयरोफ्लेक्स इंडस्ट्रीज (Aeroflex Industries) एक मुंबई बेस्ड कंपनी है जो अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ लेकर आ रहा है. यह आईपीओ 22 अगस्त, 2023 यानी आज से खुल रहा है. आईपीओ खुलने से पहले एंकर निवेशकों ने इसमें खूब दिलचस्पी दिखाई है और कंपनी ने कुल 103.68 करोड़ रुपये इकट्ठा कर लिए है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इस IPO में कुल 15 एंकर निवेशकों ने हिस्सा लिया है.
किन एंकर निवेशकों ने लगाया पैसा-
इनवेस्को, क्वांटम स्टेट इन्वेस्टमेंट फंड, सोसायटी जेनरल,यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस, निप्पॉन लाइफ, इनवोस्को,व्याइटओक कैपिटल म्यूचुअल फंड, बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड, विंरो कमर्शियल इंडिया आदि जैसी 15 कंपनियों ने एयरोफ्लेक्स इंडस्ट्रीज के एंकर राउंड के लिए बोली लगाई है. शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी ने बताया है कि वह एंकर निवेशकों से 108 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 95,99,980 शेयरों को आवंटित करने जा रही है. इन एकंर शेयरों में से 52.78 लाख शेयरों को चार घरेलू म्यूचुअल फंड कंपनियों को आवंटित किए जा रहे हैं.
क्या है आईपीओ का साइज?
गौरतलब है कि एयरोफ्लेक्स इंडस्ट्रीज का आईपीओ 22 अगस्त 2023 को खुल रहा है. इस आईपीओ के जरिए कंपनी ने कुल 351 करोड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया है. वहीं आईपीओ का प्राइस बैंड 102 से 108 रुपये के बीच तय हुआ है. इसमें से कंपनी 162 करोड़ रुपये के फेश शेयर जारी करने वाली है. वहीं कंपनी के प्रमोटर 1.75 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल के जरिए बेचने वाले हैं. इस आईपीओ में रिटेल निवेशक 22 अगस्त से लेकर 24 अगस्त के बीच पैसे लगा सकते हैं. इस आईपीओ में आम कम से कम 130 शेयर के लॉट साइज को कम से कम खरीद सकते हैं.
आईपीओ की राशि का क्या करेगी कंपनी?
एयरोफ्लेक्स इंडस्ट्रीज ने जानकारी दी है कि आईपीओ के जरिए जुटाई गई रकम का कंपनी अपने कर्ज को वापस करने के लिए इस्तेमाल करेगी. इसके साथ ही बाकी रकम से वह अपनी कैपिटल जरूरतों को पूरा करेगी. इसके साथ ही फाइनेंस जरूरतों और सामान्य कॉरपोरेट जरूरतों को पूरा करने के लिए भी इस रकम का इस्तेमाल किया जाएगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि मुंबई बेस्ड यह कंपनी मैटेलिक बेस्ड प्रोडक्ट्स बनाकर दुनिया के 80 से अधिक देशों में सप्लाई करती है. इसकी कमाई का 80 फीसदी हिस्सा विदेशकों से आता है.
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