Cyber Fraud: ऑनलाइन किराये का मकान ढूंढना शख्स को पड़ा भारी! खाते से उड़ गए 1.6 लाख रुपये
Cyber Fraud: भारत में पिछले कुछ सालों में इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. इसके साथ साइबर अपराध के मामलों में इजाफा दर्ज किया गया है. रियल एस्टेट पोर्टल के जरिए साइबर अपराध की घटना सामने आई है.
Cyber Fraud: भारत में इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही साइबर अपराध के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. शॉपिंग करने से लेकर खाना मंगवाने आदि सभी जरूरी काम के लिए लोग इंटरनेट का यूज करते हैं. ऐसे में किराये या खुद की प्रॉपर्टी खरीदने के लिए भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का चलन बढ़ गया है, लेकिन ऐसा करते वक्त सावधानी रखना बेहद जरूरी है. देश की आईटी सिटी बेंगलुरु में प्रतिष्ठित रियल एस्टेट पोर्टल के जरिए ठगी का एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. NoBroker पोर्टल के जरिए कुछ लोगों ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर से पूरे 1.60 लाख रुपये का फ्रॉड किया है.
क्या है पूरा मामला?
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक फ्रॉड का शिकार हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बेंगलुरु में शिफ्ट होने के लिए नए फ्लैट की तलाश कर रहे थे. हाल ही में उनकी नौकरी एक नई कंपनी में लगी है जिसके बाद उन्हें 1 जून, 2023 तक उन्हें शिफ्ट करना था. इस कारण वह कई रियल एस्टेट पोर्टल पर एक अच्छे किराये के फ्लैट की तलाश कर रहे थे. उन्हें Marathahalli इलाके का एक फ्लैट पसंद आया जिसके बाद उन्होंने दिए गए नंबर पर संपर्क किया. फ्लैट के कथित मालिक ने खुद तो भारतीय सेना का रिटायर्ड अधिकारी बताया. इसके बाद उस व्यक्ति ने अपने मैनेजर का नंबर देकर आगे की बात करने को कहा. जब सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने मैनेजर से बात की तो उसने एडवांस पेमेंट के नाम पर व्यक्ति से कुल 8 ट्रांजैक्शन में 1.60 लाख रुपये ले लिए.
पैसे ट्रांसफर करने के बाद जब इस व्यक्ति ने फ्लैट के मालिक से संपर्क करने के कोशिश की तो उसका और उसके मैनेजर दोनों का नंबर बंद आ रहा था. ठगी का शिकार हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने कहा कि NoBroker पोर्टल एक जानीमानी वेबसाइट थी इसलिए उसे कोई शक नहीं हुआ.
कंपनी ने क्या कहा?
ठगी का यह मामला सामने आने के बाद NoBroker ने इस बारे में बयान जारी करते हुए कहा है कि इस घर के विज्ञापन को हटा लिया गया है. इसके साथ ही कंपनी ने इस फ्रॉड पर कहा कि यह गलती पूरी तरीके से किरायेदार की है क्योंकि उन्होंने बिना जांच पड़ताल किए ही कथित मकानमालिक के खाते में लाखों रुपये ट्रांसफर कर दिए. गौरतलब है कि यह ऑनलाइन माध्यम के जरिए साइबर अपराध के मामलों में पिछले कुछ सालों में जबरदस्त तेजी देखी गई है. ऐसे में किसी भी पोर्टल के जरिए घर किराये पर लेने, शॉपिंग आदि से पहले हमेशा क्रॉस चेक कर लें. अगर आप किराये का घर ऑनलाइन माध्यम से देख रहे हैं तो सबसे पहले खुद प्रॉपर्टी देखे. इसके बाद ही किसी को एडवांस दें.