नई दिल्लीः नीती आयोग की रिपोर्ट बताती है कि 2020 तक भारत में 73 करोड़ इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले नागरिक होंगे. 17 करोड़ भारतीय लोग ऐसे होंगे जो ऑनलाइन शॉपिंग करेंगे. 70 प्रतिशत ऑनलाइन खरीददारी स्मार्टफोन्स के ज़रिए होगी और नए इंटरनेट उपभोक्ताओं में से 75 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग होंगे. लेकिन क्या सिर्फ ऑनलाइन लेन देन करने के लिए नेटबैंकिंग, मोबाइल वॉलेट इस्तेमाल करते भारतीयों को जागरुक करके ही खाते में रखा पैसा बचाया जा सकता है, या फिर कंपनियां और सरकार खुद ऐसी व्यवस्था भी करेंगी, जहां कोई साइबर अपराधी किसी आम आदमी की मेहनत की कमाई चंद रुपए में ना लूट सके. आजकल लोग साइबर क्राइम की गिरफ्त में आ रहे हैं और चोरों ने ऐसा शातिर प्रोग्राम डेवलप कर लिया है जिससे करोड़ों भारतीयों के बैंक खाते पर खतरा मंडराने लगा है.


वित्त मंत्री ने मानी अर्थव्यवस्था में सुस्ती की बात लेकिन इसे मंदी मानने से किया इंकार


दरअसल पेटीएम के नाम पर हो रहे फ्रॉड से हजारों ग्राहक पीड़ित हैं. केवाईसी अपडेट, कैशबैक, प्राइज दिलाने के नाम पर लुटेरे आपको बातों में फंसाकर एक एप डाउनलोड करा देते हैं. रिमोट एक्सेस एप ऐसी एप्लीकेशन है, जहां आपके मोबाइल का कंट्रोल फिर लुटेरे के हाथ में चला जाता है. ऐसा एप आपके डाउनलोड करते ही, आप मोबाइल पर जो कुछ करते हैं, लुटेरा देख पाता है. आप फिर नेटबैंकिंग से ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करते हैं, तो लुटेरा उसी एप के जरिए आपके खाते के सारे डिटेल देख लेता है. यानी लुटेरा जान जाता है, आपका कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट, सीवीवी नंबर क्या है. जब आप ओटीपी डालते हैं तो उसी एप के जरिए लुटेरे को ओटीपी तक पता चल जाता है.


आधार कार्ड में बदलवाना है नाम, जेंडर या जन्मतिथि तो इस नए नियम के बारे में जानें, UIDAI ने किया ये बड़ा फैसला



पुलिस, बैंक, पेटीएम सबसे पीड़ित आदमी शिकायत करते हैं लेकिन आम आदमी को वापस पैसा दिलाने की जगह सिर्फ आगे सावधान रहने की सलाह मिलती है. डिजिटल लूट के मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए. बैंक, मोबाइल वॉलेट कंपनियां सिर्फ सावधान रहने का विज्ञापन देकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं. आम आदमी का पैसा अगर किसी बैंक, मोबाइल वॉलेट कंपनी के खाते में है, तो जिम्मेदारी भी मोबाइल वॉलेट कंपनी और बैंक की है.


जानें होम लोन लिया है तो कैसे मिल सकती है टैक्स छूट, दो घरों के मालिकों के लिए क्या हैं नियम


आरबीआई ने किया बड़ा फैसला, 1 जनवरी 2020 से सेविंग अकाउंट होल्डर्स को मिलेगी ये बड़ी सुविधा