SBI Chairman: इलेक्टोरल बॉन्ड मसले पर सुप्रीम कोर्ट की एसबीआई के खिलाफ सख्ती से भारतपे (BharatPe) के फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) को देश के सबसे बड़े बैंक के खिलाफ अपनी पुरानी भड़ास निकालने का मौका दे दिया है. बिजनेस शो शार्क टैंक इंडिया से अपने सख्त रुख वाली पहचान बनाने वाले अशनीर ग्रोवर ने कहा कि एसबीआई के चेयरमैन छोटे लोग होते हैं. उनकी सोच में बड़ी समस्या है. मैंने इसे भुगता है और अब सुप्रीम कोर्ट को भी यह समझ में आ गया होगा.






सुप्रीम कोर्ट ने इस स्कीम को असंवैधानिक करार दिया


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम (Electoral Bonds Scheme) को निशाने पर लिया है. इस पर रोक लगाना भारतीय राजनीति के लिए बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है. इससे पॉलिटिकल फंडिंग में पारदर्शिता और जबावदेही आएगी. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी मांगी गई थी. इसमें लेटलतीफी के चलते बैंक को सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख का सामना करना पड़ रहा है. इलेक्टोरल बॉन्ड्स को राजनीतिक दलों को अज्ञात रूप से चंदा देने के लिए 2017 में शुरू किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस स्कीम को असंवैधानिक करार दिया है.


भारतपे और एसबीआई के बीच चली थी कानूनी लड़ाई


सुप्रीम कोर्ट और एसबीआई के बीच तनातनी के चलते अशनीर ग्रोवर को मौका मिल गया. वह पहले भी बैंक और उसके चेयरमैन के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. भारतपे और एसबीआई के बीच लंबी कानूनी लड़ाई चली थी. अब उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी भड़ास निकालते हुए लिखा कि मैंने एसबीआई के चलते बहुत परेशानी झेली थी. उनके इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई. कुछ लोग ग्रोवर के साथ खड़े दिखे और कुछ विरोध में. 


पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार से भिड़े थे ग्रोवर 


इससे पहले अशनीर ग्रोवर ने 2022 में एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार पर हमला बोला था. उन्होंने ट्वीट किया था कि रजनीश कुमार के कार्यकाल में एसबीआई का स्टॉक 25 फीसदी नीचे गया. उनके जाने के बाद बैंक का स्टॉक 200 फीसदी ऊपर चला गया. उन्होंने लिखा था कि डेटा कभी दोगला नहीं होता.


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