जो बाइडेन सरकार ने रूस से गैस और तेल के आयात पर लगाया प्रतिबंध, रूसी इकोनॉमी पर होगा असर
America sanctions on Russia: अमेरिका में जो बाइडेन की सरकार ने जाते-जाते रूस के एनर्जी सेक्टर पर अब तक का सबसे बड़ा प्रतिबंध लगा दिया.
America sanctions on Russia: डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. इससे पहले जाते-जाते जो बाइडेन की सरकार ने आखिरकार रूस से गैस और तेल के आयात पर आखिरकार प्रतिबंध लगा दिया है. इसका असर रूस की इकोनॉमी पर बड़े पैमाने पर पड़ेगी. बताया जा रहा है कि यह रूस पर अमेरिका का अब तक लगाया गया सबसे सख्त प्रतिबंध है. इसे लेकर बाइडेन प्रशासन ने कहा कि यह एक प्रयास है जिससे आने वाली ट्रंप की सरकार और यूक्रेन में शांति समझौते को एक कदम और बढ़ाया जा सके.
रूस की इकोनॉमी पर अमेरिका का वार
बाइडेन प्रशासन का कहना है कि अमेरिका यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ है.अमेरिका इस प्रतिबंध के जरिए ऑयल इंडस्ट्री में रूस के रेवेन्यू को कम करना चाहता है. रूस ने यूक्रेन पर फरवरी, 2022 में जंग की शुरुआत की, इसमें हजारों की तादाद में लोगों की मौत हो गई है. बड़ी संख्या में लोग घायल हुए. शहर मलबे में तब्दील हो गए हैं.
क्या भारत पर पड़ेगा इस प्रतिबंध का असर
मौजूदा बाइडेन सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि इस प्रतिबंध का सबसे ज्यादा असर रूस के एनर्जी सेक्टर पर पड़ेगा, जो कि क्रेमलिन में जारी जंग के लिए रेवेन्यू का सबसे बड़ा स्त्रोत है. इसी के साथ अमेरिकी ट्रेजरी ने रूसी कंपनियों गैजप्रोम नेफ्ट और सर्गुटनेफ्टेगास पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जो तेल की खोज, उत्पादन और बिक्री करती हैं.
इसके अलावा 183 रूसी जहाजों पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे रूस से तेल का निर्यात होता है. इनमें कई शैडो फ्लीट के टैंकर भी हैं, जिससे पेट्रोल का व्यापार किया जाता है. इनमें से कई टैंकरों का इस्तेमाल तो भारत और चीन में भी तेल भेजने में किया गया.
बाइडेन प्रशासन के अधिकारी का कहना है कि इस प्रतिबंध से रूस को हर महीने अरबों डॉलर का नुकसान होगा. अब देखना यह है कि रूस पर लगाए गए इस प्रतिबंध का असर भारत पर कितना पड़ता है, जो रूस से कच्चे तेल का आयात कराता है.
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