UPI Transactions: साल 2024 अपने अंतिम पड़ाव में है. इस दौरान अगर हम पीछे मुड़कर देखें तो भारत ने इस साल कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की. इनमें लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल की सफल टेस्टिंग से लेकर दवा निर्माण के सेक्टर में ग्लोबल लीडर के रूप में देश का उभरना शामिल है. साल 2024 में एक और उपलब्धि भारत ने अपने नाम की. इस साल देश में UPI के जरिए रिकॉर्ड 16.5 बिलियन लेनदेन हुए.
MyGovIndia ने एक्स पर अपने ऑफिशियल अकाउंट पर इसके बारे में लिखा कि साल 2024 भारत के लिए ऐतिहासिक रहा क्योंकि इस दौरान कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की गईं, अलग-अलग सेक्टर में बढ़िया काम हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विकसित भारत की दिशा में यह सफर दुनिया को प्रेरित करेगी.
2016 में लॉन्च हुआ UPI
देश में इस डिजिटल सिस्टम की शुरुआत साल 2016 में की गई थी और यह लेनदेन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसी साल सितंबर में वॉल्यूम के लिहाज से यह 15.04 बिलियन तक पहुंचा था, जबकि जुलाई में वैल्यू के लिहाज से 20.64 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया.
पिछले महीनों के आंकड़ों से पता चलता है कि यह लेनदेन माल और सेवा की खरीद-बिक्री के लिए व्यक्ति और व्यापारी के बीच हुआ. इसे अक्टूबर के त्योहारी सीजन में बढ़ावा मिला. यह पहली दफा था जब UPI ने वॉल्यूम में 16 बिलियन और वैल्यू में 23 ट्रिलियन रुपये के आंकड़े को पार कर लिया था. सितंबर के मुकाबले वॉल्यूम में 10 प्रतिशत और वैल्यू में 14 प्रतिशत का इजाफा हुआ.
अगस्त और अक्टूबर में खूब हुए लेनदेन
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की डेटा के अनुसार, इस साल अगस्त में UPI के जरिए 14.96 बिलियन लेनदेन हुए, जिसकी कुल वैल्यू 20.61 ट्रिलियन रुपये थी. अक्टूबर में रोजाना यूपीआई लेनदेन की संख्या 535 मिलियन रही. इस दौरान औसत लेनदेन की वैल्यू 75,801 करोड़ रुपये प्रतिदिन रही. जबकि 501 मिलियन और 68,800 करोड़ रुपये थी.
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