Big Company News: बड़ी कंपनियों ने स्टाफ से लगाई गुहार, कम करें वर्क ट्रेवल, वर्चुअल मीटिंग पर करें फोकस, ये है वजह
Big Four Consultancy Firms: दुनिया की बड़ी कंसल्टेंसी कंपनियों ने अपने स्टाफ से वर्क ट्रेवल कम करने की गुहार लगाई है. अधिक से अधिक वर्चुअल मीटिंग के जरिये परफॉर्म करने के लिए कहा है.
Environment Friendly Cost Cutting: दुनिया की बड़ी कंसल्टेंसी कंपनियों ने अपने स्टाफ से वर्क ट्रेवल कम करने की गुहार लगाई है. अधिक से अधिक वर्चुअल मीटिंग के जरिये परफॉर्म करने के लिए कहा है. बहुत जरूरत होने पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने के लिए कहा है. ऐसी अपील करने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनियां हैं. इनमें डेलॉयट, पीडब्लूसी, ईवाई, और केपीएमजी जैसी कंपनियां भी शामिल हैं. इन कंपनियों ने इस पहल को कार्बन फुटप्रिंट घटाने की कोशिश बताया है. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक यह कॉस्ट कटिंग की भी कवायद है.
क्लायंट विजिट भी कम करने का फरमान
कंपनियों ने अपने स्टाफ से क्लायंट विजिट भी कम करने के लिए कहा है. इसमें कहा गया है वर्चुअल मीटिंग के जरिए क्लायंट से बातचीत को आगे बढ़ाएं. बहुत जरूरी होने पर ट्रेन या बस से सफर कर सकते हैं. पिछले दो-तीन महीनों से इसे धीरे-धीरे लागू किया गया है. पीडब्लूसी इंडिया की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आशा रामनाथन ने मनी कंट्रोल को बताया कि कई बार ट्रेवल करना बहुत जरूरी होता है. कंपनी अपने नेट जीरो प्रोग्राम के तहत ट्रेवल में ग्रीन च्वॉयस को बढ़ावा दे रही है. इसलिए हम लो कार्बन-एमिशन को प्रमोट करने के लिए गैर-जरूरी ट्रेवल को कम करने की बात कर रहे हैं. इसलिए फ्यूल बेस्ड कैब की जगह इलेक्ट्रिक वाहन तथा फ्लाइट की जगह इंटर सिटी रेल पर ज्यादा जोर दे रहे हैं.
वर्क ट्रेवल पर कंपनी का बहुत अधिक है खर्च
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक वर्क ट्रेवल कंपनियों के खर्च का बड़ा हिस्सा है. कंपनी वर्क ट्रेवल कम कराकर एक बड़े हिस्से की कॉस्ट कटिंग करना चाह रही हैं. बिग फोर कंसल्टेंसी फर्म में से एक के अधिकारी ने बताया कि कई बार किसी क्लायंट के यहां जाना टाला जा सकता है. कई बार क्लायंट से रिलेशनशिप के लेवल को भी ऑनलाइन माध्यम से ही बढ़ाया जा सकता है. मनी कंट्रोल की ओर से ईवाई, डेलॉयट और केपीएमजी को ईमेल से भेजे गए सवाल का जवाब कंपनियों ने नहीं दिया है. एक फर्म के पार्टनर ने बताया कि क्लायंट के साथ समय बिताना काफी महत्वपूर्ण होता है. इसे इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए.
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