Biggest IPO in 2023: इस साल का सबसे बड़ा IPO लाने की तैयारी में सॉफ्ट बैंक, जानें वैल्यूएशन समेत हर जानकारी
IPO Market: साल 2023 का सबसे बड़ा आईपीओ सॉफ्ट बैंक ग्रुप कॉर्प की आर्म होल्डिंग लिमिटेड लेकर आने वाली है. इसकी पेशकश सितंबर में हो सकती है.
Biggest IPO Market in 2023: आईपीओ निवेशकों के लिए यह साल काफी अच्छा रहा है. छोटे से लेकर बड़े बिजनेस में शामिल कंपनियों ने आईपीओ की पेशकश की है. अब साल 2023 का सबसे बड़ा आईपीओ सॉफ्ट बैंक लाने की तैयारी में है. सॉफ्ट बैंक ग्रुप कॉर्प की आर्म होल्डिंग लिमिटेड आईपीओ लेकर आने की योजना बनाई है.
फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि इस पेशकश का नेतृत्व बार्कलेज पीएलसी, गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक, जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी और मिजुहो फाइनेंशियल ग्रुप इंक के द्वारा किया जाएगा. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्म ने सितंबर के पहले सप्ताह में अपना रोड शो शुरू करने और अगले सप्ताह आईपीओ की कीमत तय करने के लिए योजना बनाई है.
कितना होगा आईपीओ का साइज
कंपनी ने शेयर बिक्री के लिए प्रस्तावित शर्तों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है कि इसका वैल्यूएशन 60 अरब डॉलर से 70 अरब डॉलर के बीच होगा. कैंब्रिज, यूके बेस्ड आर्म ने भी आईपीओ के समर्थन को लेकर कुछ सबसे बड़े कस्टमर्स से बातचीत की है.
कितने फंड जुटाने का टारगेट
आर्म ने आईपीओ मार्केट से 8 से 10 अरब डॉलर जुटाने का टारगेट रखा था, लेकिन यह टारगेट कम हो सकता है, क्योंकि सॉफ्ट बैंक ग्रुप ने इसमें ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी रखने का फैसला किया है. फाइलिंग के मुताबिक सॉफ्ट बैंक का 64 अरब डॉलर से ज्यादा का ट्रांजेक्शन रखा था.
सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है
आईपीओ मार्केट में ये दो साल का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. इससे पहले 2021 में इलेक्ट्रिक-वाहन निर्माता रिवियन ऑटोमोटिव इंक की ओर से 13.7 अरब डॉलर का आईपीओ आया था, जिसकी साइज 13.7 अरब डॉलर थी. यह आईपीओ सबसे बड़ा आईपीओ होने के करीब हो सकती है. अभी तक सबसे बड़ा आईपीओ अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड का रहा है, जो 2014 में 25 अरब डॉलर का था.
32 अरब डॉलर में खरीदी थी कंपनी
आर्म को 1990 में एकॉर्न कंप्यूटर्स, ऐप्पल और वीएलएसआई टेक्नोलॉजी के बीच एक संयुक्त कारोबार के साथ लाया गया था. इसके बाद इसे 1998 से 2016 तक लंदन स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक में लिस्ट किया गया था और इसके बाद इसे सॉफ्टबैंक ने 32 बिलियन डॉलर में खरीदा था. बाद में सॉफ्ट बैंक ने इसे 40 अरब डॉलर में एनवीडिया को बेचने का प्रयास किया, लेकिन विरोध के कारण यह संभव नहीं हो पाया. अगर ये डील होती तो यह चिप मार्केट का सबसे बड़ा अधिग्रहण होता.
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