वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सरकार को टैक्स से खूब कमाई हुई है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारतीय उद्योग जगत (India Inc) ने सरकारी खजाने को मोटा पैसा दिया है. एस इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, बीएसई 500 की कंपनियों (BSE 500 Firms) ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 3.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स दिया.


टॉप-500 कंपनियों ने दिया इतना टैक्स


आंकड़ों के अनुसार, देश की 500 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) के रूप में सरकारी खजाने में 3.64 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया. यह साल भर पहले यानी वित्त वर्ष 2021-22 के 3.41 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 7 फीसदी ज्यादा है. इस तरह देखें तो सरकार को कॉरपोरेट इनकम टैक्स से साल दर साल ज्यादा कमाई हो रही है.


टाटा से आगे सिर्फ सरकारी कंपनियां


सबसे ज्यादा टैक्स देने के मामले में सबसे ऊपर सरकारी कंपनियां रही हैं. सभी लिस्टेड सरकारी कंपनियों ने मिलकर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 1.08 लाख करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया है. वहीं प्राइवेट कॉरपोरेट में सबसे पहले नंबर पर टाटा समूह है. टाटा समूह की लिस्टेड कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान सरकारी खजाने में 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान दिया है. बीएसई-500 इंडेक्स में टाटा समूह की कुल 17 कंपनियां शामिल हैं.


टॉप-5 में शामिल रहे ये कॉरपोरेट ग्रुप


टाटा समूह के बाद भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की कंपनियों का नंबर है. अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 20,730 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स भरा है. 20,300 करोड़ रुपये के योगदान के साथ एचडीएफसी ग्रुप चौथे स्थान पर और 12,800 करोड़ रुपये का टैक्स भर कर आईसीआईसीआई ग्रुप पांचवें स्थान पर रहा है. बीएसई-500 इंडेक्स में एचडीएफसी ग्रुप और आईसीआईसीआई ग्रुप दोनों की 4-4 कंपनियां शामिल हैं.


बजाज और वेदांता ने भी भरा खजाना


बजाज ग्रुप की कंपनियों ने मिलाकर पिछले वित्त वर्ष के दौरान 10,554 करोड़ रुपये का टैक्स दिया. इस तरह बीएसई-500 में 6 कंपनियों वाला बजाज ग्रुप सबसे ज्यादा टैक्स देने के मामले में छठे स्थान पर रहा. सातवें स्थान पर अनिल अग्रवाल का वेदांता समूह रहा, जिसने 10,547 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया. बीएसई-500 इंडेक्स में अनिल अग्रवाल की 2 कंपनियां शामिल हैं.


बिड़ला की कंपनियों ने दिया इतना टैक्स


कुमार मंगलम बिड़ला का आदित्य बिड़ला ग्रुप 10,100 करोड़ रुपये चुकाकर आठवें स्थान पर रहा. नौवें नंबर पर दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस रही, जिसने 9,200 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट इनकम टैक्स चुकाया. वहीं एक्सिस बैंक 7,768 करोड़ रुपये के टैक्स पेमेंट के साथ 10वें स्थान पर रहा.


कंपनियों के मामले में ये हैं टॉप-5


कंपनियों के हिसाब से देखें तो सबसे आगे रिलायंस इंडस्ट्रीज रही, जिसने 20,713 करोड़ रुपये का टैक्स दिया. उसके बाद 18,840 करोड़ रुपये के साथ सरकारी बैंक एसबीआई का नंबर रहा. एचडीएफसी बैंक 15,350 करोड़ रुपये टैक्स देकर तीसरे स्थान पर रहा. वहीं टीसीएस 14,604 करोड़ रुपये के साथ चौथे स्थान पर रही, जबकि पांचवें नंबर पर आईसीआईसीआई बैंक ने 11,793 करोड़ रुपये का योगदान दिया.


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