BigMuscles: इस साल की शुरुआत में प्रोटीन पाउडर बनाने वाले कई ब्रांड जांच के दायरे में आ गए थे. इन पर आरोप था कि वह अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए झूठे और बढ़ा-चढ़ाकर दावे कर रहे हैं. सबसे ज्यादा आरोप बिग मसल्स (BigMuscles) पर लगे थे. अब एक कस्टमर की शिकायत पर अदालत ने कंपनी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है. 


रिपोर्ट में सबसे खराब बताया गया था बिग मसल का प्रोडक्ट 


प्रोटीन पाउडर बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ द लिवरडॉक के नाम से जाने जानी वाले लोकप्रिय हेपेटोलॉजिस्ट सिरिएक एबी फिलिप्स ने रिपोर्ट जारी की थी. इसके बाद कई प्रोटीन ब्रांड के खिलाफ जांच शुरू हो गई थी. रिपोर्ट में बिग मसल द्वारा बेचे जा रहे प्रोटीन पाउडर को सबसे खराब माना गया था. दरअसल, ब्रांड पिछले कुछ समय से गलत लेबलिंग को लेकर इसी तरह के विवादों में उलझा हुआ है. 


कस्टमर ने कराई थी लैब जांच, मिली एडेड शुगर  


इसी दौरान मुंबई के राहुल शेखावत को पता चला कि उनके ऑनलाइन खरीदे गए प्रोटीन पाउडर में भ्रामक जानकारी और संभावित हानिकारक तत्व थे. उन्होंने 100 फीसदी परफॉरमेंस और नो एडेड शुगर वाले प्रोटीन के दावों पर भरोसा करते हुए फरवरी, 2023 में बिग मसल न्यूट्रिशन का प्रोटीन पाउडर खरीदा था. हालांकि, व्हे प्रोटीन (Whey Protein) के स्वास्थ्य लाभों पर सवालिया निशान लगाने वाले ऑनलाइन आर्टिकल पढ़ने के बाद उन्होंने कंपनी से संपर्क किया. कंपनी ने उन्हें लैब रिपोर्ट भी भेजी थी लेकिन, उन्होंने दूसरी लैब से जांच कराई तो प्रोडक्ट में शुगर पाई गई.  


कंज्यूमर फोरम ने आरोपों को सही माना, लगाया जुर्माना 


उन्होंने कंपनी को नोटिस भेज दिया, जिसका जवाब नहीं मिलने पर राहुल शेखावत ने कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी. नोटिस के बावजूद कंपनी फोरम के समक्ष उपस्थित होने में विफल रही. स्वतंत्र लैब रिपोर्ट के आधार पर कंज्यूमर फोरम ने कंपनी पर लगे आरोपों को सही पाया. साथ ही शेखावत के पक्ष में फैसला सुनाया. उन्हें मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे के रूप में 1.1 लाख रुपये और भ्रामक उत्पाद के लिए पूरा रिफंड दिया गया.


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