Bikaji Foods: भारत की फूड एवं स्नैक्स बनाने वाली कंपनियों को अपना बनाने के लिए हाल के दिनों में बड़ी कंपनियों ने कोशिशें तेज कर दी हैं. हाल ही में हल्दीराम (Haldiram) को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) और ब्लैकस्टोन (Blackstone) के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने दांव खेला था. मगर, कंपनी के वैल्यूएशन को लेकर बात अटक गई. अब भारत के दिग्गज ब्रांड बीकाजी फूड्स (Bikaji Foods) पर भी कई कंपनियों की नजर है. लेकिन, बीकाजी साफ कर दिया है कि वो कंपनी बेचने के लिए राजी नहीं हैं. कंपनी ने कहा है कि कोई कितनी भी कीमत हमें ऑफर करे, हम अपना कारोबार नहीं बेचेंगे.
हमें कोई फर्क नहीं पड़ता लोग क्या ऑफर लगा रहे
बीकाजी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मनोज वर्मा ने रायटर्स से कहा कि कंपनी को लेकर हमारी सोच साफ है. हम तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं. हम कंपनी बेचने के बारे में सोच भी नहीं रहे. हमने नॉट फॉर सेल का बोर्ड लगा दिया है. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग बीकाजी फूड्स (Bikaji Foods) के लिए क्या ऑफर लगा रहे हैं. भारत का स्नैक्स मार्केट (Snacks Sector) तेजी से बढ़ा है. लोग पैकेज्ड फूड खरीद रहे हैं. हम इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना चाहते हैं. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या उन्हें किसी कंपनी से इस बारे में ऑफर मिला है.
कंपनी की वैल्यूएशन 2.55 अरब डॉलर के पार
बीकाजी में मेजोरिटी शेयर शिव रतन अग्रवाल और उनकी फैमिली के पास हैं. शिव रतन अग्रवाल (Shiv Ratan Agarwal) कंपनी के फाउंडर हैं. हल्दीराम में निवेशकों द्वारा रुचि दिखाने के बाद से बीकाजी के शेयर लगभग 67 फीसदी बढ़ चुके हैं. कंपनी की वैल्यूएशन 2.55 अरब डॉलर हो चुकी है. इससे पहले हल्दीराम ने जनवरी में प्रताप स्नैक्स (Prataap Snacks) के मेजोरिटी शेयर खरीदने की कोशिश की थी. बुधवार को बीकाजी के शेयर गिरावट के साथ 835 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे.
भुजियालालजी और अरीबा फूड्स में खरीदी हिस्सेदारी
मनोज वर्मा ने कहा कि अचानक से इस सेक्टर पर सबकी नजर पड़ गई है. उन्होंने माना कि जल्द ही बड़े निवेशक इस बाजार में एंट्री लेने वाले हैं. इसके बाद प्रतिस्पर्धा और तेज होगी. साथ ही सेक्टर और बड़ा हो जाएगा. बीकाजी ने हाल ही में भुजियालालजी (Bhujialalji) और अरीबा फूड्स (Ariba Foods) में हिस्सेदारी खरीदी थी. कंपनी इस साल कई और कंपनियों का अधिग्रहण करने के बारे में सोच रही है ताकि फ्रोजन फूड मार्केट में अपनी जगह मजबूत की जा सके. इसके लिए कंपनी 1 से 1.5 अरब रुपये तक खर्च करने को तैयार है.
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