Low Down Payment Bike Offers 2022: अगर इस दिवाली (Diwali-2022 Car Bike Finance) आप कार या बाइक लेने का प्लान बना चुके है, और घर से निकल रहे है, तो ये खबर आप एक बार जरूर देख लें. आप दिवाली के मौके पर नई या पुरानी कार खरीदने (Old New Car Loan) की योजना बना रहे हैं, तो हम आपके काम की खबर लेकर आ रहे है. आजकल लोग एजेंट की बातों में आ जाते है, और जल्‍दबाजी के चक्कर में कुछ बातों का ध्‍यान नहीं रखते. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे है कि कार और बाइक फाइनेंस कराते समय आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना बेहद जरूरी है.


देखें अपना क्रेडिट स्कोर  
आपको कार बाइक के लोन लेने से पहले अपना क्रेडिट स्‍कोर (Credit Score) जरूर चेक कर लेना चाहिए. इस स्‍कोर के आधार पर आपका लोन आसानी से हो जाता है. इससे बैंक आपको कम से कम ब्‍याज ऑफर करती है. अगर आपका क्रेडिट स्‍कोर 750 से ज्‍यादा है तो आपको ज्‍यादातर बैंक आराम से 90 फीसदी तक का लोन ले सकते है. 


पता करें कितना देना होगा ब्याज 
आपको बता दें कि बैंक और फाइनेंस करने वाली कंपनियां दो तरह के लोन देती है, जिसमें ब्याज की दरें अलग-अलग होती है. इसमें ‘फिक्स’ और ‘फ्लोटिंग’ ब्याज शामिल की जाती है. फिक्स वाले लोन पर आपसे एक बार में ही पूरी राशि पर ब्‍याज वसूला कर लिया जाता है. मतलब है कि आप जिस अमाउंट को पे कर चुके हैं, उस पर आपसे ब्‍याज वसूला जाता है. वहीं दूसरी ओर फ्लोटिंग में आपसे उतना ही ब्‍याज लिया जाता है जितना की आपका लोन बकाया हो.


कार और बाइक का बीमा जरूर करें
आपको बता दें कि कार और बाइक (Car or Bike) का बीमा जरूर कराना चाहिए. कम से कम आपकी गाड़ी का थर्ड पार्टी बीमा जरूरी होना चाहिए. ऐसे में आप इस बात का जरूर ध्‍यान रखें कि शोरूम से निकलने से पहले आपके पास आपकी गाड़ी की बीमा कॉपी ले ले. कई बार एजेंट बोल देते हैं कि आपकी गाड़ी का बीमा हो गया है. आप आराम से गाड़ी ले जा सकते हैं, ऐसे में कई लोगों के साथ अचानक घटना घट जाती है और बीमा नहीं होने की वजह से बीमा कंपनी आपको कुछ नहीं मिल पाता है.


कितना मिलेगा लोन 
कार या बाइक की कीमत पर निर्भर करता है कि आपको कितना लोन मिलेगा. अगर आप पुरानी कार फाइनेंस खरीद रहे हैं तो आपको 100 फीसदी लोन मिलेगा. पुरानी कार पर बैंक 80 और 90 फीसदी ही फाइनेंस करती है. ये आवेदक के क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करेगी. 


लगते है एक्स्ट्रा चार्ज
आपको बता दें कि लोन लेने से पहले बैंक या फाइनेंस कंपनी के सभी एक्स्ट्रा चार्ज के बारे में भी जान लेना चाहिए. प्रोसेसिंग फीस (Processing Fee), स्टांप ड्यूटी और फोर क्लोजर चार्ज (Stamp Duty and Four Closure Charges) जैसे एक्स्ट्रा चार्ज ग्राहक के ऊपर ज्यादा बोझ डाल देते हैं. आप इसकी जानकारी पहले ही पता कर ले.


 


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