Two Wheeler Insurance: टू व्हीलर के लिए इंश्योरेंस लेने से पहले समझें जरूरी बातें, पढ़िए पॉलिसी के फायदे और नुकसान
अगर आप टू व्हीलर का इस्तेमाल करते है, तो आप हर साल उसका इंश्योरेंस लेते होंगे. अगर आपने अभी तक इंश्योरेंस नहीं लिया है, या लेने जा रहे है, तो ये खबर आपके बेहद काम की है. इसे आप जरूर पढ़िए..
Two-Wheeler Insurance Add-on Covers : अगर आपके पास दोपहिया वाहन (Two Wheeler) है, तो आपको उसके लिए एक अच्छा इंश्योरेंस प्लान (Insurance Policy) जरूर ले लेना चाहिए. इससे आपको भविष्य में कई तरह के फायदे मिलते है. इससे आपको कानूनी प्रकिया को पूरा करने और किसी सड़क दुर्घटना में होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलती है. इससे आप मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कर पाते है.
क्या आती है दिक्कतें
आपको दोपहिया वाहन यानी टू व्हीलर (Bike) लेने के साथ ही इंश्योरेंस किसी अच्छी कंपनी से ले लेना चाहिए. यह आपकी और आपकी बाइक की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. कुछ दोपहिया वाहन चालक अपनी जरूरतों के हिसाब से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) या कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी (Comprehensive Insurance Policy) या फिर स्टैडअलोन पॉलिसी (Standalone Policy) में से किसको ख़रीदे, इसे लेकर काफी परेशान रहते है. इस खबर में हम आपको सही फैसले लेने के लिए जरूरत के हिसाब से इंश्योरेंस के बारे में बताने जा रहे है.
ये है इंश्योरेंस पॉलिसी
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस एक तरह की मुख्य इंश्योरेंस पॉलिसी है. इसको आप वाहन के सड़क पर आने से पहले खरीद ले तो बेहतर होगा. मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के तहत ये इंश्योरेंस पॉलिसी सभी टू व्हीलर मालिक को अपनी बाइक की सेफ्टी के लिए खरीदना जरूरी है. स्टैंडअलोन पॉलिसी स्वयं के नुकसान (Own Damage) को कवर करती है. वहीं कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी, स्टैंडअलोन और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस इन दोनों ही पालिसियों का एक ही कॉम्बिनेशन है.
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस (First Party Insurance) की क़िस्त थर्ड पार्टी इंश्योरेंस से थोड़ी अधिक होती है. वही इसके कई तरह ले फायदे भी हैं. इसमें वाहन के चोरी होने, किसी आपदा में क्षतिग्रस्त होने और एक्सिडेंट होने पर बीमा कवर पूरा मिल जाता है. जिससे आर्थिक नुकसान कम हो जाता है.
थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस
थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस (Third-Party Insurance) फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के मुकाबले सस्ता होता है. इसमें केवल थर्ड पार्टी को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है. इसमें आपके वाहन को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जाती है. ट्रैफिक नियमों के अनुसार, हर वाहन मालिक के पास थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कम से कम लेना चाहिए. हालांकि इंश्योरेंस पॉलिसी लेना आप निर्भर करता है, लेकिन फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस लेना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है.
ये है फायदे
हर दिन बाइक का इस्तेमाल करने से उसके दाम कम हो जाते है. बाइक की कीमत समय के साथ-साथ कम हो जाती है. ऐसे में मुख्य बीमा पॉलिसी के आलावा बीमा कंपनी द्वारा खरीदा गया ऐड-ऑन ‘जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस’ बैटरी, ट्यूब और टायरों को छोड़कर आपकी बाइक के बाकी सभी चीजों के लिए 100 फीसदी नुकसान को कवर करता है. वही दूसरी और वाहन की बैटरी, ट्यूब और टायरों के नुकसान होने पर ये ऐड-ऑन सिर्फ 50 फीसदी का कवर देगी.
अनलिमिटेड कवर
स्टैंडअलोन या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी के साथ बाइक के लिए जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर का विकल्प चुना जा सकता है. ज्यादातर बीमा कंपनियां एक कार्यकाल में अधिकतम 2 जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर की अनुमति देती हैं, कुछ ऐसे भी बीमा कंपनियां हैं जो एक कार्यकाल के दौरान अनलिमिटेड कवर की अनुमति देती हैं.
ये है नुकसान
पहले हुआ बाइक का एक्सीडेंट और लिए गए इंश्योरेंस का क्लेम, आपकी बाइक के नए इंश्योरेंस के प्रीमियम पर असर डालता है. अगर आपकी बाइक का पहले एक्सीडेंट हो चुका है और आपने पहले इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम ले लिया है, तो आप फिर से इंश्योरेंस कराने जाएंगे तो आपको बाइक का इंश्योरेंस प्रीमियम ज्यादा देना होगा. इसका ध्यान जरूर रखना चाहिए.
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