नई दिल्ली: माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स 65 साल के हो चुके हैं. 64 साल की उम्र पूरा कर लेने पर उन्होंने अपने जीवन से संबंधित राज का खुलासा किया था. उन्होंने बताया कि  25 साल की उम्र के मुकाबले उन्हें 64 साल की उम्र में ज्यादा खुशी मिली. अपनी खुशी के कारण बताते हुए बिल गेट्स चार नुस्खों को गिनाते हैं. पिछले साल 'रेडिट' पर बिल गेट्स से सवाल जवाब का कार्यक्रम चल रहा था. जिसमें उनकी निजी जिंदगी से जुड़े सवालों के साथ उनकी पसंदीदा किताब के बारे में भी पूछा गया था. सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने चार महत्वपूर्ण बातें बताईं.


1.अपनी प्रतिज्ञा पर जमे रहिए


बिल गेट्स कहते हैं, “जब मैं युवा था तब मैं माइक्रोसॉफ्ट के प्रति गंभीर था. मेरा विचार हर घर के डेस्क पर कंप्यूटर की पहुंच को सुनिश्चित बनाना था. अपने मिशन को सफल बनाने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की. और वक्त गुजरने के साथ मेरा नजरिया हकीकत बन गया.”


2. अपने शरीर का सम्मान करना सीखिए


शरीर को लेकर भी बिल गेट्स सजग हैं. बिल गिट्स कहते हैं, “शरीर जिंदगी में एक बार मिलता है. इसलिए इसके साथ आपका रवैया ऐसा होना चाहिए जैसा आप किसी पूजा स्थल के प्रति रखते हैं.” उनका मानना है कि व्यायाम और स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है. व्यायाम कर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहा जा सकता है.


3. ज्यादा समय परिवार के साथ बिताइए


क्या ज्यादा समय दफ्तर में बिताना समर्पण की गारंटी है ? इस पर बिल गेट्स कहते हैं, “एक उद्यमी के बारे में ऐसी धारणा बन गई है कि हफ्ते में 60-80 घंटे बिताना सफलता और समर्पण की निशानी है. जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है. अमेरिका में होने वाली मौत के पीछे पांचवां कारण काम का दबाव है.”


दफ्तर में ज्यादा घंटे बिताने का मतलब है कि आप अपने समय को किसी और जगह कम देंगे. दुर्भाग्य से 24 घंटे में बहुत सारे लोग परिवार के साथ समय बिताने की तुलना में काम के घंटे को बढ़ाने का फैसला करते हैं. उनका ये फैसला बहुत हद तक संघर्ष और तनाव का कारण बन जाता है. स्वास्थ्य के खतरों को कम करने के लिए जरुरी है कि आप जीवन में कुछ सीमाएं तय कर अपने परिवार के साथ समय बिताएं. इसी तरह दफ्तर में काम करते समय हर दिन कुछ बातों का खयाल रख आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं.


4. उदारता दिखाइए, चाहे आपकी संपत्ति कितनी भी हो


बिल गेट्स बताते हैं, कुछ लोगों का ये मानना होता है कि जब उनके पास धन की बचत होगी तभी परोपकार के काम में खर्च करेंगे. ऐसा दृष्टिकोण रखकर जिंदगी में बिना कोई बड़ा काम किये आप अपने कीमती लम्हों को बेकार कर रहे हैं. बेहतर यही है कि समय रहते आप रकम की बचत करें. फिर उस रकम को दान-पुण्य के काम में खर्च कर दुनिया को कुछ देने की स्थिति में बनें.


उनकी सलाह है कि दौलत या समय को मुनासिब कामों में लगाया जाए. उनका कहना है कि उनके सुझाव पर अमल करने के लिए किसी को बहुत ज्यादा अन्य साधनों की जरुरत नहीं पड़ेगी.