Demerger of Vedant: अरबपति अनिल अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि वेदांता कंपनी का डिमर्जर से छह कंपनियां बनेंगी, जो वेदांता जैसी ही साइज की होंगी. अनिल अग्रवाल ने कहा कि डिमर्जर के बाद शेयरधारकों के पास ज्यादा लचीलापन होगा.
उन्होंने कहा कि कंपनी शेयरधारकों और बॉन्डधारकों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है. समय पर पेमेंट करने में कभी कोई दिक्कत नहीं होगी. बिजनेस टुडे के मुताबिक, अनिल अग्रवाल का कहना है कि कंपनी के डिमर्जर के बाद सभी कंपनी वेदांता के आकार जितनी बड़ी होगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में वेदांता के शेयरहोल्डर्स के प्रत्येक शेयर के बदले नई लिस्टेड कंपनियों के एक शेयर मिलेंगे.
वेदांता के छह कंपनियों के अपने सीईओ होंगे. इन कंपनियों की कमान सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों के हाथों में होगी. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते के दौरान वेदांता लिमिटेड ने एलान किया था कि वह अपने कारोबार को छह अलग-अलग यूनिट्स वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर, वेदांता स्टील एंड फेरस मटेरियल्स, वेदांता बेस मेटल्स और वेदांता लिमिटेड में अलग करेगी.
शेयरधारकों को मिलेगा सिर्फ एक शेयर
कंपनी के डिमर्जर पर पांच और कंपनी बनेगी. इससे प्रत्येक शेयर के बदले लिस्टेड कंपनियों में एक ही शेयर दिया जाएगा. विलय के बाद हिंदुस्तान जिंक के साथ-साथ डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का कारोबार वेदांता लिमिटेड के पास ही रहेगा.
माइनस इफेक्ट रेटिंग निगरानी में कंपनी
बता दें कि क्रिसिल रेटिंग्स ने वेदांता लिमिटेड की दीर्घकालिक बैंक सुविधाओं और लोन उपकरणों को 'नकारात्मक प्रभाव वाली रेटिंग निगरानी' के तहत रखा है. एजेंसी ने कहा कि अगर वेदांता इस साल के अंत तक फाइनेंशियल लीवरेज को 2.7 गुना से कम नहीं कर सकता है तो रेटिंग्स को डाउनग्रेड किया जा सकता है.
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