हर किसी की चाहत होती है कि उसकी उम्र लंबी हो और अंतिम सांस तक स्वस्थ रहे. इंसान आम हो या खास, कमाई कामचलाऊ हो या अरबों की नेटवर्थ हो... यह चाहत नहीं बदलती है. प्रचलित कहावत भी है कि पैसों से न खुशियां खरीदी जा सकती हैं और न ही उम्र बढ़ाई जा सकती है. फिर उम्र बढ़ाने और खुश रहने का फॉर्मूला क्या है? अगर आपको भी यह सवाल परेशान करता है तो अरबपति युवा उद्यमी नितिन कामथ (Nithin Kamath) का यह जवाब आपके काम आ सकता है.


करोड़ों की दौलत में नहीं मिली खुशी


नितिन कामथ कोई अपरिचित नाम नहीं हैं. Zerodha ऐप बनाकर शेयर बाजार की दुनिया में छा जाने वाले कामथ ब्रदर्स अब किसी परिचय के मोहताज हैं भी नहीं. नितिन कामथ उसी Zerodha के सीईओ हैं और उनकी मौजूदा नेटवर्थ करीब 270 करोड़ डॉलर है. हालांकि करोड़ों डॉलर की यह दौलत भी नितिन को सफल जीवन का मंत्र नहीं दे पाई. उन्हें यह मंत्र मिला एक किराना दुकान पर, जिसकी कहानी उन्होंने खुद साझा की है.


सबसे बड़ी संपत्ति है यह चीज


प्रोफेशनल सोशल नेटवर्क लिंक्डइन पर नितिन इस बारे में लिखते हैं कि संतोष ही सबसे बड़ी संपत्ति है और यही सही मायने में आजादी पाने की राह दिखाता है. उन्होंने इस बात को अपने ससुर शिवाजी पाटिल का उदाहरण देकर समझाया. उनके ससुर भारतीय सेना में थे और उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी ऊंगलियां गंवा दी थी. उसके बाद उन्होंने सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और बेलगाम में किराना दुकान चलाने लग गए.


ससुर की जीवनशैली से मिली सीख


नितिन बताते हैं कि 70 साल की उम्र हो जाने के बाद भी वह हर रोज लोकल मार्केट जाते हैं और अपनी दुकान के लिए सामान खरीदकर लाते हैं. उन्होंने कभी काम करना बंद नहीं किया. जब उनकी बेटी यानी नितिन की पत्नी सीमा भी खूब कमाने लग गईं, तब भी उन्होंने दुकान चलाना नहीं छोड़ा. नितिन कहते हैं, मैंने उन्हें कभी कोई चाहत पालते या किसी चीज की शिकायत करते नहीं देखा, यहां तक कि उन्हें जंग में अपनी ऊंगलियां गंवाने का भी कोई गम नहीं है.


ये है खुश और लंबी उम्र का राज


Zerodha सीईओ बताते हैं कि वह खुद हमेशा इस बारे में सोचते रहे हैं कि कैसे उम्र लंबी की जाए या कैसे अंतिम सांस तक अच्छे से जीवन को जी सकें. अब ससुर के किराना दुकान पर जाकर उनकी तलाश पूरी हो गई है. नितिन कहते हैं कि खुश रहने का मंत्र संतोष रखना और कभी भी मानसिक व शारीरिक तौर पर काम बंद नहीं करना है. बकौल नितिन, इस चीज को पैसे से नहीं खरीदा जा सकता है और किराना दुकान चला रहे उनके ससुर इस बात का उदाहरण हैं.


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