BIS Hackathon: भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने एक नई बीआईएस हैकाथॉन का एलान किया है. इसके तहत ऑनलाइन मुकाबले का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इंडियन स्टैंडर्ड्स के बारे में जानकारी देने के लिए आम स्टूडेंट्स को ऑनलाइन गेम्स-इंटरैक्टिव एक्टिविटीज के जरिए कुछ टास्क पूरे करने होंगे. अगर आपको अप्लाई करना है और इसमें अप्लीकेशन देनी है तो आखिरी तारीख 23 अगस्त है यानी सिर्फ 2 दिन बचे हैं.


फर्स्ट प्राइज वाले छात्र को 2 लाख रुपये-हर एक को सर्टिफिकेट


इंडियन स्टैंडर्ड्स के बारे में जानकारी देने वाली इस हैकाथॉन में क्रिएटिव स्किल्स जैसे इनोवेशन, क्रिएटिव डिजाइनिंग और कोडिंग स्किल्स दिखाने का मौका मिलेगा. छात्रों/पार्टिसिपेंट्स को 2 लाख रुपये के फर्स्ट प्राइज के अलावा और भी इनाम जीतने का मौका मिलेगा, साथ ही हरेक प्रतियोगी को क्रिएटिव स्किल्स से लैस दिखाने वाला सर्टिफिकेट निश्चित तौर दिया जाएगा.


पांच लाख छात्र BIS हैकाथॉन में कैसे अप्लाई करें-जानें तरीका



  1. बीआईएस इन हैकाथॉन ऑनलाइन एक्टिविटी के जरिए 5 लाख से ज्यादा छात्रों-प्रतियोगियों को शामिल करना चाहता है. 

  2. यह प्रतियोगिता उन छात्रों के लिए खुली है जिनके शिक्षा संस्थानों के पास बीआईएस के साथ मौजूदा एमओयू (समझौता ज्ञापन) हो चुके हैं. 

  3. प्रतिभागी 23 अगस्त तक आधिकारिक हैकथॉन पोर्टल के जरिए दिशानिर्देशों तक पहुंच सकते हैं और एप्लीकेशन जमा कर सकते हैं. 

  4. अच्छी बात ये है कि इस हैकाथान में छात्रों को पुरस्कार प्रणाली के तहत कैश इनाम या दूसरे पुरस्कार भी दिए जा रहे हैं. 

  5. बीआईएस हैकाथॉन अपने आकर्षक डिजिटल कंटेट के जरिए छात्रों के क्रिएटिव स्किल्स बढ़ाने के साथ उनको ज्यादा जागरुक बनाने में भी काम आएगी.


BIS Hackathon की जरूरी तारीखें याद रखें


रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख-  23 अगस्त 2024
प्रपोजल सबमिट करने की लास्ट डेट- 23 सितंबर 2024 
लास्ट राउंड के लिए शॉर्टलिस्ट प्रपोजल का कम्यूनिकेशन - 03 अक्टूबर 2024
फाइनल सबमिशन की लास्ट डेट- 18 नवंबर 2023


ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक https://www.services.bis.gov.in/php/BIS_2.0/bis-hackathon/PSInfo/detail/1 पर देख सकते हैं या https://www.services.bis.gov.in/php/BIS_2.0/bis-hackathon/assets/images/guidelines.pdf पर भी जानकारी ले सकते हैं.


BIS क्यों लाया दो लाख रुपये इनामी रकम वाली हैकाथॉन


बीआईएस ने बयान में कहा कि इस हैकाथॉन का प्राइमरी लक्ष्य आम जनता के बीच भारतीय मानकों के बारे में रुचि और ज्ञान बढ़ाना है. यह देश के बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास के लिए बहुत जरूरी है. इस हैकाथॉन प्लेटफॉर्म पर समय के मुताबिक चल रहे ऑनलाइन गेम्स सहित अलग-अलग बीआईएस-संबंधित गतिविधियों की सुविधा मिलने से छात्रों को गुणवत्ता और मानक (क्वालिटी एंड स्टैंडर्ड्स) के बारे में जागरुक होने में आसानी होगी. 


कंज्यूमर को उनके हक की जानकारी देगा BIS हैकाथॉन 


बीआईएस ने इस हैकाथॉन के तहत आसानी से जानकारी देने के लिए खास प्रोग्राम डिजाइन किया है. इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में कई मौजूदा ऑनलाइन गेम्स सहित कई अलग-अलग एक्टिविटीज मिलने की उम्मीद है जो सीधे बीआईएस से जुड़ी जानकारी पर आधारित होंगे. बीआईएस ने पहले भी क्वालिटी और स्टैंडर्ड जैसे विषयों पर ऑनलाइन क्विज़ प्रतियोगिताएं आयोजित की हैं जो लोगों से कनेक्ट करने में मददगार साबित होती हैं. 


बीआईएस के लगातार प्रयासों से भारतीय कंज्यूमर को उनके हक पता चलेंगे.
भारत के नागरिक बेहतर क्वालिटी और स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट्स-सेवाएं हासिल कर सकेंगे. 
इससे इंडियन क्वालिटी स्टैंडर्ड के बारे में आम लोगों की समझ और जागरुकता बढ़ाई जाएगी.






भारतीय मानकों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए बीआईएस ने एक बयान में कहा, "देश के बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास में गुणवत्ता और मानकों के बारे में जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है." बीआईएस छात्रों और आम जनता के लिए प्रतियोगिताएं, ऑनलाइन एक्टिविटीज और क्वेशचनर का पहले से ही आयोजन करता आ रहा है. 


BIS या ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स के बारे में जानें


आपको बीआईएस हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी के बारे में पता होगा लेकिन ये बात शायद कम लोग जानते हैं कि सिर्फ सोना-चांदी नहीं बल्कि देश में लगभग हर उत्पाद के लिए बीआएस सर्टिफिकेट जारी करता है. ये भरोसे का प्रतीक होने के साथ काफी जरूरी मानक है जो बताता है कि कोई प्रोडक्ट सेफ और क्वालिटी स्टैंडर्ड के मुताबिक है.


बीआईएस या ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स भारत की नेशनल स्टैंडर्ड बॉडी है जिसको BIS एक्ट 2016 के तहत स्थापित किया गया था. टेस्टिंग, सर्टिफिकेशन के जरिए देश के लोगों को ऐसे उत्पाद के बारे में जानकारी देना इसको बनाने का मुख्य लक्ष्य था. इसके जरिए धीरे-धीरे देश में लगभग सभी प्रोडक्ट्स को बीआईएस सर्टिफिकेशन की छतरी तले लाया जा रहा है जिससे केवल वो सेफ प्रोडक्ट ही भारतीय कंज्यमूर तक पहुंच सकें जो सुरक्षित होने के साथ टिकाऊ हों. 


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