फ्यूचर ग्रुप के चेयरमैन किशोर बियानी ने कहा है कि जब उनकी कंपनी को अमेजन की ओर से मदद की जरूरत थी तब यह आगे नहीं आई. अब यह कंपनी रिलायंस की ओर से फ्यूचर के अधिग्रहण में अड़ंगे लगा रही है. बियानी ने कहा कि रिलायंस हमारी मदद के लिए आगे आई लेकिन अमेजन चाहती थी कि हम दिक्कतों में घिरे रहें.


'अमेजन से आठ बार मदद मांगी'


बियानी ने कहा कि उनकी कंपनी अमेजन को अपनी वित्तीय दिक्कतों के बारे में आठ बार बताया लेकिन उन्होंने मदद नहीं की. यहां तक कि कर्जदाताओं ने जब शेयर लेने चाहे तो भी अमेजन ने मदद नहीं की. बियानी ने मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि अमेजन के साथ हमारे समझौते के मुताबिक वित्तीय परेशानी का दौरान वह हमें फंड मुहैया करा सकती थी.


बियानी ने कहा, अमेजन सिर्फ जुबानी जमा-खर्च कर रही 


अमेजन ने रिलायंस-फ्यूचर डील के खिलाफ सिंगापुर के इंटरनेशनल कोर्ट में याचिका दायर की थी. सिंगापुर इंटरनेशनल कोर्ट ने इस सौदे पर स्टे लगा दिया है. अमेजन की ओर से आपत्ति दर्ज करवाने के बाद नवंबर 2020 में इस सौदे पर रोक लग गई थी. अमेजन का कहना है कि फ्यूचर समूह ने उसके साथ समझौते का उल्लंघन किया है, वहीं फ्यूचर का कहना है उसने अमेजन से मदद मांगी लेकिन इस पर उसकी ओर से कोई पहल नहीं हुई. अमेजन अब सिर्फ जुबानी जमा खर्च कर रही है.


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