सरकारी कर्मचारियों को अब LTA क्लेम के लिए बोर्डिंग पास देने की जरूरत नहीं
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लीव ट्रैवल अलाउंस यानी LTA का फायदा लेने के लिए अप्लाई करते वक्त बोर्डिंग पास दिखाने की जरूरत नहीं होगी.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लीव ट्रैवल अलाउंस यानी LTA का फायदा लेने के लिए अप्लाई करते वक्त बोर्डिंग पास दिखाने की जरूरत नहीं होगी. अब LTA क्लेम के साथ सिर्फ सेल्फ डिक्लरेशन देने से ही कर्मचारियों को इसका पैसा मिल जाएगा. अब तक कर्मचारी एलटीए पर छुट्टी से आने के बाद बोर्डिंग पास की चिंता में लगे रहते थे. नई प्रक्रिया से उन्हें इस काम से छुटकारा मिल जाएगा.
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक आदेश निकाल कर यह साफ कर दिया है कि सरकारी टूर या फिर LTA के क्लेम के दौरान अप्लीकेशन के साथ फिजिकल फार्म में बोर्डिंग पास लगाना जरूरी नहीं है. अब कर्मचारी सिर्फ सेल्फ डिक्लरेशन सर्टिफिकेट लगा कर इसे क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए व्यय विभाग ने सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म भी जारी किया है. व्यय विभाग ने 23 जून 2020 को जारी मेमोरेंडम में कहा है कि विभाग को ऐसे कई मामले मिले हैं, जिनमें कहा गया गया है कि LTA क्लेम से बोर्डिंग पास की शर्त हटा दी जाए. अगर कर्मचारी बोर्डिंग पास नहीं दे सकते हैं तो वे सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म भर कर LTA क्लेम ले सकते हैं.
कंट्रोलिंग अफसर से कराने होंगे साइन
व्यय विभाग के मुताबिक अंडर सेक्रेट्री लेवल से नीचे के कर्मचारियों को इसके लिए कंट्रोलिंग अफसर से साइन कराने होंगे. अगर कर्मचारी बोर्डिंग पास नहीं दे पाता है तो सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म भर कर अपने कंट्रोलिंग अफसर से साइन करा कर जमा कराना होगा.
फर्जीवाड़े को नहीं मिलेगा बढ़ावा
कुछ लोगों का मानना है कि इससे फर्जीवाड़े को बढ़ावा मिल सकता है. लेकिन अफसरों का कहना है कि ऐसा मानना गलत है. आप किसी पीएनआर को वेरिफाई कर यह पता कर सकते हैं कि कर्मचारी ने यात्रा की है या नहीं. फर्जी क्लेम लेने वाले की गलती पकड़े जाने पर नौकरी जा सकती है. इसलिए सरकारी कर्मचारी कुछ हजार रुपयों के लिए अपनी नौकरी दांव पर नहीं लगाएंगे.