प्राइवेटाइजेशन से पहले बीपीसीएल को 11,940 करोड़ का बंपर मुनाफा, 12,581 करोड़ का बांटेगी डिविडेंड
विश्लेषकों ने चौथी तिमाही में कंपनी को 1,856 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान लगाया था. लेकिन इसमें भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई. सरकार कंपनी की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी, जिसे अब तक का सबसे बड़ा निजीकरण कहा जा रहा है. कंपनी ने प्रति शेयर 58 रुपये का डिविडेंड देने का भी फैसला किया है. इसमें एक बार दिया जाने वाला 35 रुपये प्रति शेयर का स्पेशल डिविडेंड भी शामिल है.
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी BPCLने चौथी तिमाही ( 2020-21) में 11,940 करोड़ रुपये का बंपर मुनाफा कमाया है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसे 1,361 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. कंपनी को यह जबरदस्त मुनाफा ऐसे समय में हुआ है, जब सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान इसके निजीकरण का लक्ष्य रखा है. सरकार कंपनी की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी, जिसे अब तक का सबसे बड़ा निजीकरण कहा जा रहा है. कंपनी ने प्रति शेयर 58 रुपये का डिविडेंड देने का भी फैसला किया है. इसमें एक बार दिया जाने वाला 35 रुपये प्रति शेयर का स्पेशल डिविडेंड भी शामिल है.
डिविडेंड का बड़ा हिस्सा सरकार के पास जाएगा
विश्लेषकों ने चौथी तिमाही में कंपनी को 1,856 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान लगाया था. लेकिन इसमें भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई. कंपनी के चौथी तिमाही के रेवेन्यू में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 21.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह भी विश्लेषकों के अनुमान से कहीं ज्यादा है. कंपनी ने 35 रुपये का जिस स्पेशल डिविडेंड का ऐलान किया है वह बीपीसीएल ट्रस्ट की कंपनी के शेयर बेचने से प्राप्त आय में से दिए जा रहे हैं. पूरा डिविडेंड 12,581 करोड़ रुपये का है. इसमें 7592 करोड़ का स्पेशल डिविडेंड शामिल है. निजीकरण से पहले इसका बड़ा हिस्सा सरकार के पास जाएगा.
नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी बेच कर हासिल किए 9422 करोड़ रुपये
चौथी तिमाही ( 2020-21) में कंपनी ने अपनी सब्सीडियरी नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी बेच कर 9422 करोड़ रुपये हासिल किए हैं. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को अपने ऑपरेशन से 3,01,864 करोड़ रुपये की आय हुई है. हालांकि इस दौरान कंपनी की कुल आय में मामूली गिरावट आई और यह 306,209 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. कंपनी ने कहा है कि सरकार से मिली बजटीय सहायता से उसे अपने डीलर को अंडर रिकवरी के लिए भरपाई नहीं करनी पड़ी.
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