भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बीपीसीएल ने कहा है कि उसका पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड में हिस्सेदारी बेचने का कोई इरादा नहीं है. इससे पहले कहा जा रहा था कि इन दोनों गैस कंपनियों में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने से बीपीसीएल के नए मालिक को ओपन ऑफर लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
बीपीसीएल के पास पेट्रोनेट में 12.5 फीसदी और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड 22.5 फीसदी हिस्सेदारी है. डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट की ओर से जारी मूल्यांकन सूची में कानूनी स्थिति के मुताबिक बीपीसीएल का अधिग्रहण करने वालों को पेट्रोनेट और आईजीएल के शेयरधारकों के सामने 26 फीसदी शेयरों के लिए ओपन ऑफर की पेशकश करनी होगी.
बीपीसीएल की ओर से हिस्सेदारी बेचने की खबर आई थी
इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया से गुजर रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड दो गैस कंपनियों पेट्रोनेट एलएनजी और इंद्रप्रस्थ गैस (आईजीएल) में प्रमोटर का दर्जा छोड़ने के लिए अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेच सकती है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. ऐसा करने से बीपीसीएल के नए मालिक को इन दोनों गैस कंपनियों के लिए खुली पेशकश लाने की जरूरत नहीं रहेगी. बीपीसीएल के पास भारत के सबसे बड़े एलएनजी आयातक पेट्रोनेट में 12.5 फीसदी और गैस मार्केटिंग कंपनी आईजीएल में 22.5 फीसदी हिस्सेदारी है. बीपीसीएल दोनों लिस्टेड कंपनियों की प्रमोटर है.
चौथी तिमाही में बीपीसीएल को बंपर मुनाफा
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी BPCLने चौथी तिमाही ( 2020-21) में 11,940 करोड़ रुपये का बंपर मुनाफा कमाया है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसे 1,361 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. कंपनी को यह जबरदस्त मुनाफा ऐसे समय में हुआ है, जब सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान इसके निजीकरण का लक्ष्य रखा है. सरकार कंपनी की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी, जिसे अब तक का सबसे बड़ा निजीकरण कहा जा रहा है. कंपनी ने प्रति शेयर 58 रुपये का डिविडेंड देने का भी फैसला किया है. इसमें एक बार दिया जाने वाला 35 रुपये प्रति शेयर का स्पेशल डिविडेंड भी शामिल है.
बीपीसीएल ने कहा, पेट्रोनेट एलएनजी और आईजीएल में हिस्सेदारी बेचने का इरादा नहीं