Crude Oil Price Hike: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है. 5 अप्रैल, 2024 के कारोबारी सत्र में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 91 डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर जा पहुंची है. पिछले छह महीने में क्रूड ऑयल के दामों का ये सबसे उच्चतम स्तर है. ईरान को लेकर खाड़ी के देशों में बढ़ते तनाव के साथ सप्लाई में दिक्कतें और क्रूड ऑयल के मांग में मजबूती के चलते कच्चे तेल के दामों में ये उछाल देखने को मिल रहा है. 


डेटा के मुताबिक ब्रेंट क्रूड ऑयल प्राइस 91.20 डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर जा पहुंचा है तो WTI क्रूड ऑयल प्राइस 86.66 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. सीरिया में ईरान के दूतावास पर इजरायल के हमले में ईरान के टॉप जनरल के साथ दूसरे सेना के अधिकारियों की मौत हो गई है जिसके बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है जिसके चलते कच्चे तेल के दामों में ये तेजी देखने को मिल रही है. 


जानकारों का मानना है कि इजरायल - हमास युद्ध में ईरान के शामिल होने पर क्रूड ऑयल की सप्लाई बाधित हो सकती है. ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक देश है. जानकारों का कहना है कि छोटी अवधि में कच्चे तेल की कीमत 95 से 100 डॉलर प्रति बैरल के रेंज में कारोबार कर सकता है. 


कच्चे तेल के दामों में तेजी ने भारत की मुश्किलें बढ़ा दी है. मार्च महीने में लोकसभा चुनाव के तारीखों के एलान के ठीक पहले सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दामों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी थी. पर कच्चे तेल के दामों में उछाल के बाद इन कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ सकता है. लौकसभा चुनावों तक ये कंपनियां राजनीतिक दवाब के चलते कच्चे तेल के दामों में उछाल के बावजूद पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ा नहीं सकेंगी जिससे इनके मुनाफे पर असर पड़ सकता है.  


वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मॉनिटरी पॉलिसी का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि  कच्चे तेल के दामों में आए उबाल के बाद इसपर कड़ी नजर बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव के चलते कमोडिटी के दामों में उछाल का जोखिम बना हुआ है तो सप्लाई चेन दिक्कतें पैदा हो सकती हैं. 


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