Internet in India: इंटरनेट को आगे बढ़ाने पर होगा 4.2 ट्रिलियन रुपये का इनवेस्टमेंट, पैदा होंगे नए अवसर
Digital Revolution: ब्रॉडबैंड को गांव-गांव तक पहुंचाने में यह पैसा खर्च किया जाएगा. यह निवेश पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की मदद से होगा.
Digital Revolution: भारत में हुई डिजिटल क्रांति ने कई सेक्टर को तेजी से आगे बढ़ने में मदद की है. सस्ते डेटा ने कस्टमर्स को भी फायदा पहुंचाया है. अब अगले चरण में ब्रॉडबैंड को गांव-गांव तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए साल 2030 तक लगभग 4.2 ट्रिलियन रुपये का निवेश किया जाएगा. इसके चलते नए अवसर भी पैदा होंगे. इस काम में सरकार प्राइवेट कंपनियों का भी सहयोग लेगी.
भारत में सिर्फ 13 फीसदी घरों में ही ब्रॉडबैंड कनेक्शन
ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के अनुसार, भारत में औसत डेटा खपत 187 जीबी प्रति महीने है. अमेरिका में यही आंकड़ा 641 जीबी प्रति महीना है. देश में ब्रॉडबैंड कनेक्शन प्रति 100 व्यक्ति पर फिलहाल 2.85 ही है. यह आंकड़ा भी ग्लोबल एवरेज का एक चौथाई ही है. देश में लगभग 4 करोड़ घरों में ही ब्रॉडबैंड कनेक्शन हैं. ईवाई ग्लोबल टीएमटी के प्रशांत सिंघल ने कहा कि भारत में सिर्फ 13 फीसदी घरों में ही ब्रॉडबैंड कनेक्शन हैं. इन्हें बढ़ाकर 80 फीसदी किया जा सकता है. देश के 30 करोड़ घरों में से लगभग 25 करोड़ घरों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन पहुंचाए जाने हैं. हम जितना तेजी से यह काम करेंगे, उतनी ही तेजी से हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने के अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे.
3 ट्रिलियन रुपये सिर्फ फाइबर केबल बिछाने पर खर्च होंगे
अमेरिका में 92 फीसदी, चीन में 97 फीसदी, जापान में 84 फीसदी और जर्मनी में 82 फीसदी घरों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन हैं. इंटरनेट को घर-घर तक पहुंचाने में खर्च होने वाले 4.2 ट्रिलियन रुपये में से लगभग 3 ट्रिलियन रुपये सिर्फ फाइबर केबल बिछाने पर खर्च करने पड़ेंगे. अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 95000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वाईफाई पर लगभग 9000 करोड़ रुपये, डेटा सेंटर पर 14000 करोड़ रुपये और सेटलाइट ब्रॉडबैंड सर्विसेज पर लगभग 26000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
ब्रॉडबैंड में डेटा का इस्तेमाल मोबाइल से 10 गुना ज्यादा
ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के प्रेसिडेंट टीवी रामचंद्रन के अनुसार, ब्रॉडबैंड डेटा का इस्तेमाल मोबाइल डेटा से लगभग 10 गुना है. हमें अगले 6 साल में 20 फीसदी सालाना की दर से आगे बढ़ना होगा तब जाकर हम 10 करोड़ घरों तक ब्रॉडबैंड पहुंचा पाएंगे. इसकी मदद से लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा. विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार को एक निश्चित सीमा तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट के फ्री इस्तेमाल की सुविधा भी देनी चाहिए ताकि ग्रामीण इलाकों में लोग ज्यादा से ज्यादा ब्रॉडबैंड कनेक्शन लें.
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