नई दिल्ली: बजट के बाद बाजार में दूसरे दिन भी बिकवाली का दौर रहा. शेयर बाजार पर बजट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में सर्जचार्ज की बढ़ोतरी और दुनिया के बाजारों की भगदड़ का ऐसा असर रहा है कि इन दो दिनों में निवेशक लुट गए और उनके 5 लाख करोड़ रुपये डूब गए.


जानकारों का कहना है कि सोमवार को शेयर बाज़ार में जिस तरह से बिकवाली का दौर रहा उससे तीन लाख करोड़ और शुक्रवार को बजट पेश होने के बाद जिस तरह से शेयर बाजार में निराशा रही उससे दो लाख करोड़ का नुकसान हुआ. कुल मिलाकर इन दो दिनों में निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं.


ऐसे डूबे 5 लाख करोड़
5 जुलाई और 8 जुलाई को बाजार में बिकवाली के कारण 5.62 लाख करोड़ का नुकसान हुआ.


8 जुलाई को डूबे
पांच जुलाई को जब बाजार बंद हुआ तो मार्केट कैप था 151.35 लाख करोड़. लेकिन 8 जुलाई को बिकवाली के कारण जब बाजार बंद हुआ तो उसका मार्केट कैप घटकर 147.96 लाख करोड़ पर पहुंच गया था. इस तरह से 8 जुलाई को कुल 3.39 लाख करोड़ का नुकसान हुआ.


5 जुलाई को डूबे
इसी तरह 4 जुलाई को बाजार बंद हुआ तो मार्केट कैप था 153.58 लाख करोड़ रुपए, लेकिन जब पांच तारीख को बाजार में गिरावट का दौर चला तो खासा नुकसान हो गया. इस तरह मार्केट कैप गिरकर 151.35 लाख करोड़ पर पहुंच गया. यानि कुल मिलाकर 2.23 लाख करोड़ का नुकसान हो चला था.


दरअसल, भारी बिकवाली के बीच सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 793 अंकों का गोता लगा गया. नेशनल स्टाक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 250 अंक से अधिक की गिरावट आई. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स एक समय 907 अंक नीचे चला गया था. हालांकि, बाद में यह थोड़ा उबरकर 792.82 अंक यानी 2.01 फीसदी की गिरावट के साथ 38,720.57 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 252.55 अंक यानी 2.14 प्रतिशत टूटकर 11,558.60 अंक पर बंद हुआ.


बाजार के जानकारों का कहना है कि निवेशकों में बजट प्रावधानों से नाराजगी और अमेरिका में ब्याज में कटौती की संभावनाओं से नाउम्मीद होने के कारण शेयर मार्केट इस तरह से गोता लगा रहा है. उनका कहना है कि अमेरिका के जॉब डाटा और एशियाई बाजारों के लाल निशान में कारोबार करने से भी भारतीय शेयर बाजार प्रभावित हुए हैं. घेरलू कंपनियों में बजाज फाइनेंस, ओएनजीसी, एनटीपीसी, हीरो मोटोकॉर्प और मारुति के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली.