BUDGET 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने हैं ये उम्मीदें और चुनौतियां
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी और इसके साथ ही लोगों की उम्मीदों, आकांक्षाओं को पूरा करने का उन पर भार होगा.
Budget 2020: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट 1 फरवरी 2020 को पेश होने जा रहा है. देश के आर्थिक हालात को लेकर इस समय काफी चिंताएं जताई जा रही हैं. कारण सबके सामने हैं-देश की जीडीपी छह साल के निचले स्तर पर जा पहुंची है, बेरोजगारी दर 45 सालों में सबसे अधिक हो चुकी है. कंपनियां छंटनी पर छंटनी कर रही हैं और हाल ही में हुए सर्वे के मुताबिक लोगों की खर्च करने की प्रवृत्ति में भी कमी आ रही है.
इन सब हालातों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने यही चुनौती है कि कैसे लोगों के बटुए में वो ज्यादा पैसा पहुंचा पाएं. कॉर्पोरेट को किस तरह के इंसेटिव दें जिससे वो उत्पादन बढ़ा पाएं और रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके पैदा कर पाएं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी और इसके साथ ही लोगों की उम्मीदों, आकांक्षाओं को पूरा करने का उन पर भार होगा.
इनकम टैक्स में कुछ और छूट की उम्मीद वैसे तो सरकार ने पिछले साल टैक्स नियमों में बदलाव किया था जिसके बाद टैक्स देने वाले वर्ग को कुछ राहत मिली थी लेकिन अब इस बार ये मांग की जा रही है कि 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय वालों पर जो 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है इसमें कटौती कर इसे 10 फीसदी पर लाया जाए. पिछले साल अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री किया गया था लेकिन ये छूट रिबेट के माध्यम से मिल रही थी यानी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा इनकम वालों को टैक्स देना पड़ता है हालांकि उन्हें जो टैक्स देना पड़ रहा था उसमें रिबेट मिल रही थी. फिलहाल के टैक्स स्लैब को देखें तो 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है और 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं 5 से 10 लाख रुपये तक की आय वालों को 20 फीसदी की दर से टैक्स देना पड़ता है. 10 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों को 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स देना होता है.
स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी की मांग लोगों की ये भी मांग है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन जो फिलहाल 50,000 रुपये है उसे बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया जाए. लोगों का मानना है कि इससे उनपर टैक्स का बोझ कम होगा और सहूलियतें बढ़ेंगी.
किसानों और बेरोजगारों के लिए कदम उठाए जाने की उम्मीद देश के किसानों के लिए मोदी सरकार ने वैसे तो कई कदम उठाए जाने की बात कही है लेकिन इस बजट से एक बार फिर किसानों को उम्मीद है कि उनके लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे. किसानों का कर्ज जो लगातार बढ़ता जा रहा है इसको लेकर किसी राष्ट्रव्यापी योजना को लाए जाने की उम्मीद किसान कर रहे हैं.
बेरोजगारी की समस्या देश में बढ़ती जा रही है और इसको लेकर कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं जिसमें इस समस्या को लेकर कड़ी चिंता जताई जा चुकी हैं. मोदी सरकार से उम्मीद है कि रोजगार बढ़ाने के लिए वो ऐसी योजनाओं को लाएगी जिससे आने वाले सालों में देश के युवाओं को रोजगार मिलने में तेजी आ सके.
महिलाओं को ये हैं उम्मीदें महिलाओं को खासकर ये उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनकी रसोई के बजट को कम करने के कुछ उपायों को इस बजट में जरूर सुनाएंगी. प्याज और सब्जियों के बढ़ते दाम से आम जनता परेशान है और इसका सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर पड़ रहा है. महिलाओं की मांग है कि वित्त मंत्री रसोई के महंगे बजट को कम करने के लिए कुछ एलान करें.