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Budget 2020: देश के इन वित्त मंत्रियों ने तय किया प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक का सफर

भूतपूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में 10 बार केंद्रीय बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया. प्रणब मुखर्जी ने 8 बार संसद में बजट पेश किया.

Budget 2020: नरेंद्र मोदी सरकार एक फरवरी को आम बजट पेश करने वाली है. इसके लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री भी हैं. इसके अलावा एक दिलचस्प बात यह भी है कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद निर्मला सीतारमण दूसरी महिला हैं जिन्होंने बजट पेश किया है. आज हम आपको भारत के ऐसे वित्तमंत्रियों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक का सफर तय किया. साथ ही उन नेताओं के बार में भी जानिए जिन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया.

मोरारजी देसाई

भूतपूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में 10 बार केंद्रीय बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया. देसाई ने साल 1958 से साल 1963 तक वित्त मंत्री का काम-काज संभाला. फिर मार्च 1967 से जुलाई 1969 तक उन्होंने इंदिरा गांधी के कैबिनेट में वित्त मंत्री के तौर पर सेवा दी. बाद में मोरारजी देसाई मार्च 1977 से जुलाई 1979 के बीच भारत के चौथे प्रधानमंत्री पद पर भी रहे.

चरण सिंह

भूतपूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह वित्त वर्ष 1979 में जनवरी से जुलाई तक वित्त मंत्री के पद पर रहे. उसी दौरान आगे चलकर जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में भी वह कार्यरत रहे. चरण सिंह के बारे में खास बात यह है कि वह बतौर प्रधानमंत्री संसद में नहीं जा सके. बाद में उन्हें पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा.

विश्वनाथ प्रताप सिंह

विश्वनाथ प्रताप सिंह ने दिसंबर 1984 से जनवरी 1987 तक वित्त मंत्री के तौर पर देश को अपनी सेवा दी. बाद में वह दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे.

इंद्र कुमार गुजराल

देश के 12वें प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल अप्रैल 1997 से मई 1997 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. इसके पहले वह बहुत ही कम अवधि तक यानि महज 11 दिन के लिए उन्होंने बतौर वित्त मंत्री अपनी सेवा दी.

मनमोहन सिंह

भारत के सबसे उम्दा वित्त मंत्रियों में से एक कहे जाने वाले मनमोहन सिंह जिन्होंने भारत में लाइसेंस राज प्रणाली को समाप्त कर देश में उदारीकरण का रास्ता खोला था. मनमोहन सिंह साल 1991 से 1996 तक देश के वित्त मंत्री के रूप में काम किया. इसके पहले वह 1982 से 1985 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर भी थे. वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल के बाद 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री के पद पर काबिज रहे.

जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव ने प्रधानमंत्री रहते पेश किया था बजट

जवाहरलाल नेहरू

देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने वित्तीय वर्ष 1958-59 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया था.

इंदिरा गांधी

देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी जिन्होंने 1966-77 और 1980-84 में दो बार प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा कीं. उन्होंने जुलाई 1969 से जून 1970 तक वित्त मंत्री का पदभार संभाला था.

राजीव गांधी

भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी अपनी मां के निधन के बाद 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उन्होंने वित्तीय वर्ष 1987-88 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया, जहां उन्होंने बतौर वित्त मंत्री रहते हुए कॉर्पोरेट टैक्स को इंट्रोड्यूस किया.

आर वेंकटरमन और प्रणब मुखर्जी ने तय किया वित्त मंत्रालय से रायसीना तक का सफर

आर वेंकटरमन

आर वेंकटरमन ने जनवरी 1980 से जनवरी 1982 तक वित्त मंत्री के रूप में देश की सेवा की. वित्त मंत्री रहते हुए आर वेंकटरामन ने तीन बार बजट पेश किया. बाद में उन्होंने अगस्त 1984 से जुलाई 1987 तक देश के उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला. फिर जुलाई 1987 से जुलाई 1992 तक राष्ट्रपति के रूप में देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद हासिल किया.

प्रणब मुखर्जी

वेंकटरमन की ही तरह पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी वित्त मंत्री के तौर पर अपनी सेवा दे चुके हैं. मुखर्जी जुलाई 2012 में भारत के 13वें राष्ट्रपति बने. उन्होंने 1982 से 1984 तक वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया. बाद में 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में वह वित्त मंत्री रह चुके हैं. प्रणब मुखर्जी ने 8 बार संसद में बजट पेश किया. मोरारजी देसाई और पी. चिदंबरम के बाद वह तीसरे स्थान पर हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा बार आम बजट पेश किया. मोरारजी देसाई 10 बार और पी चिदंबरम 9 बार बजट पेश कर चुके हैं.

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