BUDGET 2021 Survey: देश का बजट कल 1 फरवरी को पेश होने वाला है. इस दशक का पहला बजट होने के नाते ये बजट खास भी है और जरूरी भी. बीता साल कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया और देश की आर्थिक विकास की गाड़ी रसातल में चली गई. केंद्र की मोदी सरकार ने कई उपायों के जरिए कोरोना संकटकाल में देश के आम तबके को राहत पहुंचाने के दावे किए लेकिन आम जनता इनके दावों से कितना सहमत है और उसे कितनी राहत मिली ये जानना जरूरी है. लिहाजा एबीपी न्यूज ने सी-वोटर के साथ मिलकर एक ऐसा सर्वे किया है जो इसका जवाब देने की कोशिश करता है.
इस सर्वे में हमने लोगों से बातचीत कर ये जानने की कोशिश की है कि पिछले पूरे साल में सरकार के आर्थिक मोर्चे पर कामकाज से वो कितना खुश हैं और बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का काम उन्हें कैसा लगा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले पूरे साल कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए देश के सामने आकर ये बताया कि सरकार ने उनके लिए क्या-क्या किया है और आगे क्या करने वाली है. हालांकि उनकी बातों से और दावों-वादों से लोग कितना सहमत हुए हैं और उन्हें वास्तविक तौर पर कितनी राहत मिली है ये भी इस सर्वे के नतीजों से आप जान पाएंगे.
आइये जानते हैं जन मन धन बजट से पहले देश के लोगों का क्या सोचना है और कल के बजट से पहले वो सरकार से क्या-क्या उम्मीदें रखते हैं. यहां कुल 15 सवालों का जवाब जानने की कोशिश की गई है और उससे जो तस्वीर निकलकर सामने आती है उससे आपको समझ आ जाएगा कि वाकई में देश का बजट कैसा होना चाहिए.
क्या सरकार को इस बजट में ऐलान करना चाहिए कि कोरोना वैक्सीन को मुफ्त में हरेक नागरिक को दिया जाएगा?
इस सवाल के जवाब में साफ तौर पर दिखा कि लोग चाहते हैं कि उन्हें फ्री वैक्सीन मिले. कुल 73.1 फीसदी लोगों ने कहा कि हां उन्हें बजट में सरकार से इस ऐलान की उम्मीद है कि वो कोरोना वैक्सीन को मुफ्त उपलब्ध कराएगी. वहीं 22.4 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार को इस बजट में कोरोना वैक्सीन को मुफ्त में हरेक नागरिक को दिया जाने का एलान नहीं करना चाहिए. वहीं 4.4 फीसदी लोगों ने कहा कि वो इस विषय में कुछ कह नहीं सकते हैं.
क्या कोरोनाकाल में सरकार द्वारा लोगों को राहत पहुंचाने के लिए उठाए गए कदमों के जरिए आपको किसी तरह का आर्थिक राहत मिली है?
इस सवाल के जवाब में कुल 65.9 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें कोई आर्थिक राहत नहीं मिली. वहीं 28.8 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें कोरोना संकटकाल में आर्थिक राहत मिली है. वहीं 5.3 फीसदी लोगों ने कहा है कि वो इस बार में कह नहीं सकते हैं.
क्या इस बजट में सरकार को टैक्सपेयर्स को राहत देनी चाहिए क्योंकि उन्हें कोरोना संकटकाल में आर्थिक हानि का सामना करना पड़ा है?
इस सवाल के जवाब में कुल 72.7 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को इस बजट में टैक्सपेयर्स को राहत देने वाले कुछ कदमों का एलान करना चाहिए. वहीं 20.2 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई राहत नहीं चाहिए. वहीं 7.1 फीसदी लोगों ने इस पर भी कहा कि इस सवाल के जवाब में वो कुछ कह नहीं सकते हैं.
आपको क्या लगता है कि सरकार किसानों को राहत देने के लिए इस बजट में क्या कर सकती है?
इस सवाल के उत्तर में 31.6 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें लगता है कि सरकार खाद और बीजों को सस्ता कर देगी. वहीं 25.7 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार किसी बड़े राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है. वहीं 15.6 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार इस बजट में कुछ नहीं करेगी. वहीं 10.6 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस ( न्यूनतम समर्थन मूल्य) में बढ़ोतरी कर सकती है. इसके साथ ही 6.4 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार और ज्यादा किसानों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के दायरे में लेकर आएगी. वहीं 5.6 फीसदी लोगों का कहना था कि सरकार इन सब कामों को इस बजट में करने जा रही है. 4.6 फीसदी लोगों का कहना है कि वो इस बारे में कह नहीं सकते.
क्या आपको लगता है कि सरकार को रियल एस्टेट सेक्टर को दोबारा खड़ा करने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए?
इस सवाल के जवाब में 54.6 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए. 28.3 फीसदी लोगों ने इसका जवाब ना में दिया और 17.1 फीसदी लोगों ने कहा कि वो इस बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं.
सरकार इस बजट में ऐसे कौन से कदम उठा सकती है जिससे टूरिज्म सेक्टर में दोबारा जान आ सके जो कोरोना संकटकाल में बुरी तरह प्रभावित हो गया है?
28.6 फीसदी लोगों ने कहा कि किसी पैकेज की घोषणा की जा सकती है. 28.1 फीसदी लोगों ने कहा कि किसी अन्य तरह के राहत उपाय किए जा सकते हैं. 23.3 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार कुछ भी नहीं करेगी और 11.6 फीसदी लोगों ने कहा कि एयरलाइन टिकटों को सस्ता करने का एलान सरकार द्वारा किया जा सकता है. 8.4 फीसदी लोगों ने कहा कि होटल सस्ते किए जा सकते हैं.
क्या आपको लगता है कि सरकार इस बजट में घर खरीदारों के लिए टैक्स राहत दे सकती है जिससे कि हाउसिंग सेक्टर को पुनर्जीवित किया जा सके?
इस सवाल के जवाब में 48.7 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार ऐसा कर सकती है वहीं 36.4 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार ऐसा कुछ नहीं करने जा रही है. वहीं 14.9 फीसदी लोगों ने कहा कि वो इस बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं.
अब जब इस साल ज्यादातर स्कूल-कॉलेज ऑनलाइन चलाए जा रहे हैं तो क्या आपको लगता है कि सरकार को स्कूल-कॉलेज की फीस घटाए जाने के लिए कुछ गाइडलाइंस की घोषणा करनी चाहिए?
81.7 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को स्कूल-कॉलेज की फीस घटाने के लिए गाइडलाइंस की घोषणा करनी चाहिए. 12.4 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए. 6 फीसदी लोगों ने इस सवाल के जवाब में कहा कि वो कह सकते हैं.
अब जब सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं तो क्या सरकार को मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट सस्ता करना चाहिए?
इस सवाल के जवाब में 83.4 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को ऐसा करना चाहिए. वहीं 13.6 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए और 3 फीसदी लोगों ने कहा कि इस बारे में वो कुछ कह नहीं सकते हैं.
क्या सरकार को हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ा देना चाहिए?
इस सवाल के जवाब में 67.4 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को ऐसा करना चाहिए और 21.6 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए. 10.9 फीसदी लोगों ने कहा कि वो इस बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं.
क्या सरकार को हेल्थकेयर उत्पाद और दवाइयों को और अफोर्डेबल बनाना चाहिए?
91.5 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को इन उत्पादों को और सस्ता बनाना चाहिए वहीं 4.4 फीसदी लोगों का जवाब ना में था. वहीं 4 फीसदी लोगों ने कहा कि वो कह नहीं सकते.
क्या सरकार को अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए जितना संभव हो सके उतना खर्च बढ़ाना चाहिए?
इस सवाल के जवाब में 74.4 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को अपना खर्च बढ़ाना चाहिए और 15.4 फीसदी लोगों का जवाब ना में था. 10.2 फीसदी लोगों ने कहा कि इसका जवाब वो नहीं दे सकते हैं.
जिस तरह से सेंसेक्स लगातार बढ़ रहा है, क्या आपको लगता है कि अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट आएगी?
इस सवाल के जवाब में 53.7 फीसदी लोगों ने कहा कि हां उन्हें इकोनॉमी के पटरी पर लौटने की उम्मीद है. 35.4 फीसदी लोगों का कहना था कि उन्हें इसकी उम्मीद नहीं है और 10.9 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा कि वो इसके विषय में कुछ नहीं कह सकते हैं.
इस सर्वे को एबीपी न्यूज ने सी-वोटर के साथ मिलकर कराया है और इसके लिए 1524 लोगों से बातचीत की गई है.
ये भी पढ़ें
क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा बैन? बजट सत्र में नया बिल ला सकती है सरकार