नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश कर दिया है. इस बजट में सरकार का फोकस हेल्थ सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर पर देखने को मिला है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बजट के जरिए कई अहम ऐलान किए हैं. बजट ऐलान के बाद अब अलग-अलग क्षेत्रों से इस पर प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है. साथ ही विशेषज्ञों ने इस बार के बजट को काफी बेहतर बताया है.
टाटा टेक्नोलॉजीज के सीईओ और एमडी वॉरेन हैरिस ने कहा कि भारत सरकार ने आखिरकार ऑटो सेक्टर के लिए टोन सेट किया है, जो कि महामारी से काफी प्रभावित हुआ है. यह न केवल वाणिज्यिक वाहनों के उत्पादन की मांग को बढ़ावा देने में मदद करेगा बल्कि पूरे परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र का भी समर्थन करेगा.'
उन्होंने कहा, 'उत्पादन से जुड़ी योजनाओं, निर्माण के माध्यम से विशिष्ट पहल आरएंडडी के लिए बुनियादी ढांचा और नई-जीन प्रौद्योगिकियों जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) में कौशल विकास को सक्षम करने से इंजीनियरिंग और अनुसंधान में निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.'
केंद्रित बजट
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, 'यह निश्चित तौर पर वृद्धि पर केंद्रित बजट है. पहले डर था कि इस बजट में कोविड-कर और आयकर पर अधिभार लगाया जा सकता है पर ऐसा न होने से बड़ी राहत मिली है. दो राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण और भूखंड जैसी संपत्तियों के मौद्रिकरण के प्रस्ताव स्पष्ट रूप से सकारात्मक हैं.'
उन्होंने कहा, 'बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना स्वागतयोग्य है. बजट पर बाजार की प्रतिक्रिया से वृद्धि को लेकर आशावाद दिखता है. संक्षेप में कहें तो वित्त मंत्री ने इस मुश्किल समय में प्रगतिशील, बिंदास और दूरदर्शी बजट पेश किया है.'
चार विषयों पर जोर
भारत में केपीएमजी के इनडायरेक्ट टैक्स के पार्टनर वामन पारखी ने कहा कि बजट का लक्ष्य अर्थव्यवस्था के लिए चार विषयों पर जोर देना है. इनमें परिसंपत्तियों का कुशल उपयोग, व्यापार करने में आसानी, बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाना और व्यवसाय में सरकार की भूमिका को कम करना है. एसेट मुद्रीकरण से सरकारी संपत्ति का कुशल उपयोग होगा और अगले वित्त वर्ष में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है.
इसके अलावा रिलायंस सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लव चतुर्वेदी ने कहा कि बजट में प्रस्तावित एकल प्रतिभूति बाजार संहिता से भारतीय वित्त बाजार में कारोबार सुगम होगा.
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