मोदी सरकार कोरोना संक्रमण के दौर का पहला बजट पेश करने जा रही है. इस वैश्विक महामारी से लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में इसकी बेहद अहम भूमिका होगी. कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक गतिविधियों को लगे गहरे झटके ने कॉरपोरेट टैक्स और जीएसटी के रूप में हासिल होने वाली टैक्स की कमाई कर दी है.इसके साथ ही नौकरियां जाने और सैलरी में कटौती से आम लोगों की कमाई कम हुई है. अब सवाल यह है कि क्या सरकार इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स में छूट देगी. या फिर पुराने स्लैब को ही बरकरार रखेगी. आइए देखते हैं मौजूदा स्लैब क्या है और किस आय वर्ग में कितनी छूट मिल रही है


पर्सनल इनकम टैक्स का स्लैब और छूट


 2.5 लाख रुपये तक- कोई टैक्स नहीं
2.5-5 लाख रुपये - 5% टैक्स
5-10 लाख रुपये - 20 % टैक्स
10 लाख और उससे अधिक- 30% टैक्स


कॉरपोरेट टैक्स की दरें और सरचार्ज


सेक्शन115BA (400 करोड़ रुपये तक टर्नओवर) - 25 % सरचार्ज 7 %


सेक्शन 115BAA – 22% सरचार्ज 10 %


सेक्शन 115BAB - 15 % सरचार्ज 10%


अन्य केस में- 30 % सरचार्ज 7 से 12 %


इसके अलावा इन पर हेल्थ और एजुकेशन सेस भी लगता है. सेस और सरचार्ज में राज्यों को हिस्सा नहीं देना होता है.


जीएसटी


सरकार ने 2017 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स का ऐलान किया था. इससे ‘वन नेशन, वन टैक्स’ का रास्ता साफ हो गया. जीएसटी के तहत चार स्लैब में टैक्स लगता है-5, 12, 18 और 28 फीसदी. हालांकि जीएसटी में कोई भी परिवर्तन जीएसटी काउंसिल ही करती है. जीएसटी काउंसिल पिछले तीन साल के दौरान कई चीजों पर जीएसटी  में बदलाव कर चुकी है. जीएसटी ने राज्यों की कमाई  में इजाफा किया है.


जीएसटी का एक हिस्सा राज्यों को मिलता है.लेकिन मौजूदा हालात में राज्यों को जो हिस्सा मिलना चाहिए, उसे केंद्र सरकार देने में नाकाम रही है. लिहाजा कई राज्यों को कर्ज का  सहारा लेना पड़ा है. पिछले दिनों यह केंद्र और राज्य के बीच विवाद का विषय बन गया था.


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