Budget 2022-23: रियल एस्टेट डेवलपर्स ( Real Estate Developers) ने एक फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट ( Union Budget) में वित्त मंत्री ( Finance Minister) निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) से होमलोन ( Home Loan) पर टैक्स छूट ( Tax Deduction) की सीमा को मौजूदा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग की है. बिल्डरों ने वित्त मंत्री अफोर्डेबल हाउसिंग ( Affordable Housing) के दायरे को बढ़ाने और रियल एस्टेट पर लॉंग टर्म टैपिटल गेन टैक्स ( LTCG Tax) को घटाने की भी मांग की है.
होमलोन के ब्याज पर टैक्स छूट को 5 लाख करने की मांग
रियल एस्टेट बिल्डर्स की फेडरेशन क्रेडाई (Credai) ने वित्त मंत्री को बजट में अपनी मांग की फेहरिस्त सौंपी है. जिसमें क्रेडाई के प्रेसीडेंट हर्षवर्धन पटोदिया ने वित्त मंत्री से कहा है कि होमबायर्स ( Homebuyers) के लिए होमलोन के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए. इसका अलावा सेक्शन 80 सी में संसोधन करने की मांग की गई है जिसमें डेढ़ लाख की लिमिट को बढ़ाने की मांग की गई. जिससे होमलोन के मूलधन के डेढ़ लाख से ज्यादा के भुगतान पर टैक्स छूट का लाभ मिल सके.
ये भी पढ़ें: Budget 2022-23: मोदी सरकार ने बजट में कर दिया ये काम तो 20 साल बाद आप बन जायेंगे करोड़पति, जानिए कैसे
अफोर्डेबल हाउसिंग का दायरे में हो बदलाव
अफोर्डेबल हाउसिंग ( Affordable Housing) के दायरे को बढ़ाने की मांग करते हुए क्रेडाई ने कहा है कि नॉन मेट्रो शहरों में 75 लाख रुपये तक के घर और मेट्रो में 1.50 करोड़ रुपये के घर को अफोर्डोबल हाउसिंग के कैटगरी में शामिल किया जाना चाहिए. इसके अलावा गैर मेट्रो में अफोर्डेबल घरों की साइज को 90 मीटर और गैर मेट्रो शहरों में 120 मीटर किया जाना चाहिए. क्रेडाई के मुताबिक घर बनाने की लागत में बढ़ोतरी और मौजूदा हालात को देखते हुए ये बदलाव जरुरी है जिससे होमबॉयर्स को फायदा होगा.
बजट से उम्मीदें
डेवलपर्स ने हाउसिंग सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस देने की मांग की है जिससे रियल एस्टेट डेवलपर्स को बैंकों से सस्ता कर्ज मिल सके. डेवलपर्स का मानना है कि हाउसिंग सेक्टर के लिए इन ऐलानों का फायदा अर्थव्यवस्था को होगा, रोजगार के अवसर बढ़ाने में मिदद मिलेगी.
ये भी पढ़ें: Budget 2022-23: जानिए क्यों वित्त मंत्री से बजट में टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाकर टैक्स का बोझ कम करने की उठी मांग!