Budget 2023: बजट को लेकर बच्चों ने सौंपी अपने मांगों की फेहरिस्त, शिक्षा-स्वास्थ्य पर GDP का 9% धन आवंटन की रखी मांग
Union Budget 2023-24: बच्चों ने वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी से मुलाकात की है. जिसमें बच्चों ने बजट फॉर चिल्ड्रेंन चार्टर (Budget For Children Charter) उन्हें सौंपा है.
Union Budget 2023: वैसे तो उद्योग जगत, कृषि जानकार, फाइनैंशियल सेक्टर के साथ ट्रेड यूनियन के लोग अपनी मांगों की फेहरिस्त वित्त मंत्री को हर वर्ष बजट से पहले सौंपते हैं. लेकिन इस बार बच्चों ने भी 2023-24 वित्त वर्ष के लिए पेश होने वाले आम बजट से जुड़ी अपने मांगों की सूची सरकार को सौंपी है. जिसमें बच्चों ने सरकार से शिक्षा पर जीडीपी का 6 फीसदी और स्वास्थ्य पर 3 फीसदी बजट के प्रावधान करने की मांग की है.
अपनी मांगों को लेकर इन बच्चों ने एक एनजीओ की अगुवाई में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी से मुलाकात की है. जिसमें बच्चों ने बजट फॉर चिल्ड्रेंन चार्टर (Budget For Children Charter) वित्त राज्यमंत्री को सौंपा है. ये चार्टर स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर करीब 3500 बच्चों के बीच आपस में विचार विमर्श कर तैयार किया गया है. इन बच्चों ने अपने मांगों की फेहरिस्त NINE IS MINE की थीम को ध्यान में रखते हुए सौंपा है. जिसका अर्थ है कि शिक्षा पर जीडीपी का 6 फीसदी और स्वास्थ्य पर जीडीपी का 3 फीसदी यानि GDP का कुल 9 फीसदी रकम बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने पर खर्च किया जाए.
वित्त राज्यमंत्री ने बच्चों से मुलाकात के दौरान उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और भरोसा दिया कि उनके सुझाव को वे बजट टीम के सामने रखेंगे. उन्होंने बच्चों से एजुकेशन मिनिस्ट्री और महिला और बाल विकास कल्याण मंत्रालय से भी बजट से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर मुलाकात करने को कहा. नेशनल इंक्लूसिव चिल्ड्रेन पार्लियामेंट की अध्यक्ष रुखसार रहमान जो कि केवल 15 वर्ष की हैं उनकी अगुवाई में वित्त्त राज्यमंत्री से बच्चों ने मुलाकात की है.
NINE IS MINE कंसलटेशन में भाग लेने वाले बच्चों ने शिक्षा और स्वास्थ्य के अलावा खेल के अधिकार, स्पोर्ट्स ट्रेनिंग के लिए भी ज्यादा बजट के आवंटन किए जाने की मांग की गई है. बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए गुड ग्रीन गर्वनेंस पॉलिसी भी लाने की सरकार के सामने मांग रखी गई है. इसके अलावा बच्चों ने गर्ल चाइल्ड, विकलांग बच्चों, दलित, अलपसंख्यक और आदिवासी बच्चों पर खास फोकस दिए जाने की मांग को रखा है.
आपको बता दें 2004 में तात्कालीन यूपीए सरकार ने शिक्षा पर जीडीपी का 6 फीसदी और स्वास्थ्य पर 3 फीसदी बजट के आवंटन का वादा किया था जो आज तक पूरा नहीं किया जा सका है. बच्चों ने उम्मीद जतायी कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषण में उनकी मांगों को पूरा करेंगी.
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