Agriculture Sector: भारत एक कृषि प्रधान देश है. खेती देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. देश का एग्रीकल्चर सेक्टर न सिर्फ सबसे सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करता है बल्कि इकोनॉमी के लिए भी यह मजबूत पिलर का काम करता है. हालांकि, पिछले कुछ समय से एग्रीकल्चर सेक्टर बदहाली की ओर जा रहा है. यह कई मुसीबतों के चंगुल में फंस चुका है और तमाम कोशिशों के बावजूद कोई हल निकलता नहीं नजर आ रहा है. अब अगले हफ्ते आ रहे बजट से एग्रीकल्चर सेक्टर को कई उम्मीदें हैं. अगर मोदी सरकार इस बजट में कृषि को लेकर बड़े ऐलान करती है तो आने वाले 5 सालों में किसानों की स्थिति में बड़ा सुधार आ सकता है. 


पीएम किसान स्कीम और कृषि सखी को दिया जाए बढ़ावा 


कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ सालों में मानसून के बदले हुए पैटर्न के चलते न सिर्फ खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल आया है बल्कि कई चीजों की किल्लत भी पैदा हुई है. महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड जैसे कृषि प्रधान राज्यों में इसी साल चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में उम्मीद बढ़ गई है कि सरकार इस बजट में किसानों को लेकर बड़ी घोषणाएं कर सकती है. कृषि मंत्रालय पीएम किसान स्कीम (PM-KISAN Scheme) के तहत किसानों को जियो टैगिंग वाले डिजिटल कार्ड भी जारी कर सकती है. साथ ही एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बढ़ाने, हॉर्टिकल्चर फसलों को बढ़ावा देने के साथ ही 90 हजार से ज्यादा कृषि सखी (Krishi Sakhi) की मजबूत टीम बनाने पर विचार कर रही है. हालांकि, किसान सम्मान निधि बढ़ाने पर विचार नहीं किया जा रहा है. 


टेक्नोलॉजी और कृषि विज्ञान केंद्र बनें मजबूत 


इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च ने कृषि शिक्षा और टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के सुझाव दिए हैं. साथ ही कृषि विज्ञान केंद्रों (Krishi Vigyan Kendra) को मजबूत करने पर भी जोर दिया जा रहा है. देश में भंडार केंद्र, पैकिंग हाउस, सोर्टिंग एंड ग्रेडिंग यूनिट, कोल्ड चेन, लॉजिस्टिक फैसिलिटी के साथ ही कम्युनिटी फार्मिंग को बढ़ावा देने के ऐलान भी इस बजट में हो सकते हैं. इसके अलावा किसानों को लोन बढ़ाने का ऐलान भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) कर सकती हैं. 


फर्टिलाइजर सब्सिडी को लेकर भी हो सकते हैं ऐलान 


सरकार से फूड और फर्टिलाइजर सब्सिडी को लेकर भी फैसला लेने की डिमांड इंडस्ट्री की ओर से की जा रही है. वित्त मंत्रालय के अनुसार, किसानों से जुड़े मसले केंद्र सरकार की प्राथमिकता में हैं. सरकार देश से एग्री एक्सपोर्ट भी बढ़ाना चाहती है. आने वाले बजट पर इसका असर साफ दिखाई देगा. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर सिर्फ 1.4 फीसदी की दर से आगे बढ़ा था. अगर भारतीय इकोनॉमी को आगे बढ़ाना है तो कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार लाने ही होंगे.


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