Budget 2024: अंतरिम बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी का आयोजन, कितना मीठा होगा बजट!
Interim Budget 2024: हलवा सेरेमनी के साथ बजट पेश होने तक इससे से जुड़े कर्मचारी अधिकारी वित्त मंत्रालय स्थित तहखाने में बंद रहते हैं.
Budget 2024 Halwa Ceremony: रायसीना हिल्स पर नार्थ ब्लाक में स्थित वित्त मंत्रालय में आयोजित हलवा सेरेमनी के साथ ही 2024 के अंतरिम बजट के तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है. और इसी के साथ एक फरवरी 2024 को बजट पेश किए जाने तक वित्त मंत्रालय के 100 से ज्यादा कर्मचारी वित्त मंत्रालय में बंद हो चुके हैं और बजट पेश होने के बाद ही उन्हें बाहर जाने की इजाजत मिलेगी. यहां तक कि बजट पेश होने तक अपने घर भी नहीं जा सकेंगे.
वित्त मंत्री ने अपने हाथों से बांटा हलवा
बजट पेश होने से पहले हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हलवा सेरेमनी का आयोजन किया गया. हलवा सेरेमनी के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड के अलावा वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी मौजूद थे. वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने हाथों से निकालकर सभी उपस्थित लोगों को हलवा दिया. हलवा सेरेमनी के पीछे की मान्यता रही है कि हर शुभ काम को करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए. भारतीय परंपरा में हलवे को काफी शुभ माना जाता है. यही वजह है कि बजट डॉक्यूमेंट की छपाई से पहले इस सेरेमनी का आयोजन किया जाता है.
पेपरलेस होगा अंतरिम बजट
पिछले तीन सालों के बजट के समान इस साल भी अंतरिम बजट 2024 पेपरलेस होगा. इसे एक फरवरी 2024 को पेश किया जाएगा. वित्त मंत्रालय ने बताया कि सभी बजट डॉक्यूमेंट्स जिसमें एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट, डिमांड फॉर ग्रांट्स और फाइनेंस बिल यूनियन बजट मोबाइल एप में होगा. वित्त मंत्री के बजट भाषण पूरा होने के बाद एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर 'यूनियन बजट मोबाइल ऐप' पर ये उपलब्ध होगा.
100 से ज्यादा कर्मचारी रहेंगे तहखाने में बंद
बजट बनाने की माथापच्ची के बाद वित्त मंत्री से सहमति मिलने के बाद बजट से जुड़े डॉक्यूमेंट को वित्त मंत्रालय स्थित तहखाने में उसे छपाईखाने में भेजा जाता है. बजट के डॉक्यूमेंट को बेहद गोपनीय माना जाता है. और ये गोपनीय दस्तावेज लीक ना हो इसके लिए बजट दस्तावेज के छपाई के दौरान वित्त मंत्रालय के 100 से ज्यादा कर्मचारी बजट डॉक्यूमेंट के छपाई के लिए तहखाने में बंद रहते हैं. इस दौरान बंद अधिकारी बजट पेश होने तक यहीं दिन रात रहते हैं. अपने घर भी नहीं जा सकते. घरवाले इन कर्मचारियों के अधिकारियों को फोन कर ही अपनों से संपर्क कर सकते हैं. इंटरनेट और फोन की व्यवस्था भी नहीं होगी. वित्त मंत्रालय की कैंटीन में इनके लिए खाना तैयार होता है. तहखाने में ही इनके लिए सोने की भी व्यवस्था होती है.
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