Budget Expectations: आम चुनाव से ठीक पहले एक फरवरी को आ रहे बजट से सारे देश ने अलग-अलग उम्मीद लगाई हुई हैं. लोगों के अलावा हर उद्योग ने बजट पर नजर टिकाई हुई है. उन्हें उम्मीद है कि चुनावी साल होने से राहत के कई लुभावने वादे इस बजट में किए जा सकते हैं. हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) सबको चौंका भी सकती हैं. आशंका जताई जा रही है कि अंतरिम बजट (Interim Budget) में सरकार लोकलुभावन घोषणाओं से बचेगी. साथ ही सरकारी खजाने को मजबूत रखने पर ज्यादा ध्यान देगी. 


एनपीएस को बनाया जा सकता है बेहतर 


हालांकि, पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लागू करने की मांग के बीच एनपीएस (New Pension Scheme) को आकर्षक बनाया जा सकता है. साथ ही महिलाओं के लिए अलग से कुछ टैक्स छूट भी मिलने की उम्मीद है. चुनावी साल में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को कुछ राहत दिए जाने की भी संभावना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक फरवरी को 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करेंगी. यह उनका छठा बजट होगा.


अंतरिम बजट में टैक्स सिस्टम में बदलाव की उम्मीद नहीं


जाने-माने अर्थशास्त्री और बेंगलुरु स्थित डॉ. बीआर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एनआर भानुमूर्ति ने भाषा से बातचीत में कहा कि सरकार के पिछले रुख को देखते हुए अंतरिम बजट के लोकलुभावन होने की संभावना नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पहले ही गरीब कल्याण अन्न योजना जैसे उपायों की घोषणा कर चुके हैं. कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है. इसे देखते हुए सरकार नई पेंशन व्यवस्था में बदलाव कर सकती है. भानुमूर्ति ने कहा कि अंतरिम बजट में टैक्स सिस्टम में बदलाव की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. इसका मकसद पूरे साल का बजट पेश होने तक केवल व्यय बजट के लिए मंजूरी लेना होता है. टैक्स सिस्टम में बार-बार बदलाव से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं. 


स्टैंडर्ड डिडक्शन में हो सकता है इजाफा 


सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज के चेयरमैन सुदिप्तो मंडल ने भी कहा कि पिछले अनुभव से पता चलता है कि इस सरकार ने पॉलिसी में बड़े बदलाव से खुद को बचाया है. चुनावी वर्ष 2019 में भी बहुत अधिक लोकलुभावन योजनाओं और खर्च का सहारा नहीं लिया गया था. इसलिए मुझे आगामी बजट में ऐसी ज्यादा घोषणाओं की उम्मीद नहीं है. हालांकि, किसान सम्मान निधि जैसी पुरानी योजनाएं बरकरार रखी जा सकती हैं. इनकम टैक्स में कुछ राहत मिल सकती है. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपये की थोड़ा बढ़ाया जा सकता है. 


किसानों को मिल सकती है बड़ी राहत 


आर्थिक शोध संस्थान, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा कि बजट लोकलुभावन नहीं होगा. वित्त मंत्री राजकोषीय मजबूती के रास्ते से नहीं हटेंगी. हालांकि, बढ़ती खाद्य महंगाई और आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान को देखते हुए किसानों के लिए और ज्यादा राहत दी जा सकती है. लेखा चक्रवर्ती ने कहा कि महिलाओं के लिए अलग से कर छूट मिल सकती है.


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