Union Budget 2024: जुलाई महीने में संसद के मानसून सत्र में मोदी 3.0 का पहला बजट पेश किया जा सकता है. और इस बात के पूरे आसार है कि सरकार देश में खपत को बढ़ाने के लिए पर्सनल इनकम टैक्स के मोर्चे पर कुछ कैटगरी वाले टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स में कमी कर बड़ी राहत दे सकती है.
चुनाव के बाद सरकार पर दबाव
रॉयटर्स ने दो सरकार सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है. लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार का गठन हुआ है. एनडीए के सहयोगियों दलों की बदौलत केंद्र में नई सरकार बनी है. लोकसभा चुनाव में युवाओं में बेरोजगारी, महंगाई और गिरती आय सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा विपक्ष ने बनाय़ा जिसका बीजेपी को बड़ा चुनावी नुकसान इन चुनावों में उठाना पड़ा है. ऐसे में सरकार पर भारी दबाव है.
देश में सुस्त है खपत की रफ्तार
भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी के साथ विकास कर रही है लेकिन देश में खपत की रफ्तार बेहद धीमी है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 फीसदी के दर से बढ़ी है जो कि दुनिया में किसी भी देश की जीडीपी की रफ्तार से कहीं ज्यादा है. लेकिन खपत महज 4 फीसदी के रफ्तार से बढ़ी है. प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार बनाने के दावा करने के दौरान कहा कि उनकी सरकार का पूरा फोकस मिडिल-क्लास के सेविंग को बढ़ाने के साथ उनके जीवन स्तर में सुधार लाने पर रहेगा. सूत्रों ने अपना पहचान बताने से इंकार करते हुए कहा कि पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती से देश में खपत को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और मिडिल क्लास की सेविंग्स बढ़ेगी. वित्त मंत्रालय ने भी इस पर कोई भी कमेंट करने से इंकार कर दिया.
15 लाख से ज्यादा आय वालों को मिलेगी राहत
रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी सालाना आय 15 लाख रुपये से ज्यादा है उन्हें टैक्स के मोर्चे पर राहत दी जा सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में लागू किए गए नए इनकम टैक्स रिजीम में बदलाव किया जा सकता है जिसमें 15 लाख रुपये तक सालाना कमाने वालों को 5 से 20 फीसदी तक टैक्स चुकाना होता है जबकि 15 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों को 30 फीसदी के दर से इनकम टैक्स का भुगतान करना होता है.
टैक्स के बोझ से टैक्सपेयर्स परेशान
एक सूत्र ने बताया कि 3 लाख से 15 लाख रुपये के बीच इनकम पांच गुना बढ़ता है लेकिन पर्सनल इनकम टैक्स रेट में 6 गुना की बढ़ोतरी देखने को मिलती है जो कि बहुत ज्यादा है. सरकार 10 लाख रुपये तक के इनकम वालों के लिए इनकम टैक्स रेट में कमी करने पर विचार कर रही है क्योंकि पुराने इनकम टैक्स रिजीम के तहत 10 लाख रुपये सालाना से ज्यादा आय वालों को 30 फीसदी के दर से इनकम टैक्स चुकाना होता है. इन फैसलों के चलते सरकार को टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर नुकसान होता है तो उसकी भरपाई खपत में बढ़ोतरी से की जा सकती है.
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