Budget 2024: 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को बजट में मिली बड़ी राहत, बकाए टैक्स के डिमांड से छुटकारा
Direct Tax Demand: चुनावों से पहले आए इस अंतरिम बजट में इनकम टैक्स समेत किसी भी तरह के टैक्स के स्लैब या रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है...
देश भर के करीब 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को गुरुवार को बड़ी राहत मिली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश करते हुए इनकम टैक्स के टैक्सपेयर्स के लिए राहत का ऐलान करते हुए बकाए टैक्स के डिमांड से छुटकारा देने का ऐलान किया.
टैक्स स्लैब या रेट में नहीं हुआ बदलाव
उन्होंने आज गुरुवार 1 फरवरी को अपना लगातार छठा बजट पेश करते हुए कहा कि इस बार टैक्स स्लैब या टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. बजट संबोधन में उन्होंने साफ-साफ कहा कि टैक्स स्लैब या दरों के मामले में डाइरेक्ट टैक्स, इनडाइरेक्ट टैक्स या इम्पोर्ट ड्यूटी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है.
इनकम टैक्स की प्रभावी दरें
इसका मतलब हुआ कि पर्सनल इनकम टैक्स से लेकर कॉरपोरेट इनकम टैक्स तक पुरानी व्यवस्था ही चलती रहेगी. न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं देना होगा. वहीं मौजूदा घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट इनकम टैक्स की दर 22 फीसदी रहेगी, जबकि चुनिंदा नई विनिर्माण कंपनियों की देनदारी 15 फीसदी रहेगी.
1 करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा
हालांकि उन्होंने वैसे टैक्सपेयर्स को राहत दी, जिनके ऊपर टैक्स का बकाया चल रहा था. वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2009-10 तक के लिए जिन लोगों के ऊपर 25 हजार रुपये तक का टैक्स बकाया था, उनसे डिमांड अब समाप्त हो जाएगी. इसी तरह वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक के लिए 10 हजार रुपये के इनकम टैक्स बकाए से भी राहत दी गई है. वित्त मंत्री ने दावा किया कि इस राहत से 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होने वाला है.
एक साल तक बढ़ाई गई ये छूट
वित्त मंत्री ने स्टार्टअप, गिफ्ट सिटी स्थित यूनिट और पेंशन फंडों के लिए भी बजट में ऐलान किया. स्टार्टअप और सॉवरेन वेल्थ फंड या पेंशन फंड के द्वारा किए गए निवेश को पहले से कुछ टैक्स लाभ दिए जा रहे हैं. वहीं आईएफएससी स्थित कुछ यूनिट को टैक्स से छूट मिल रही थी. छूट और ये लाभ 31 मार्च 2024 को एक्सपायर हो रहे थे. इन्हें साल भर के लिए यानी 31 मार्च 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
डबल से ज्यादा हुआ टैक्स कलेक्शन
टैक्स से कमाई के बारे में वित्त मंत्री ने बताया कि बीते 10 सालों में डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन डबल से ज्यादा हुआ है. रिटर्न में 2013-14 के दौरान औसतन 93 दिनों का समय लग रहा था, इसे अब 10 दिनों तक घटा दिया गया है. जीएसटी का मासिक कलेक्शन बढ़कर 2023-24 में 1.66 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
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